Vinayak Chaturthi 2022: साल की पहली विनायक चतुर्थी 6 जनवरी को, जानें पूजा मुहूर्त और पूजा विधि

Vinayak Chaturthi 2022: पौष मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी. इस दिन भगवान गणेश की पूजा-उपासना की जाती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2022 3:27 PM

Vinayak Chaturthi 2022: हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी ति​थि को विनायक चतुर्थी व्रत होता है. पौष माह शुक्ल पक्ष का प्रारंभ 03 जनवरी से होगा. ऐसे में नए साल 2022 की पहली विनायक चतुर्थी 6 जनवरी को पड़ रही है. पौष माह की विनायक चतुर्थी को वरद चतुर्थी भी कहते हैं. विनायक चतुर्थी के दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश की विधि विधान से पूजा करने की परंपरा है. इस दिन चतुर्थी व्रत भी रखा जाता है.

चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन होता है अशुभ

विनायक चतुर्थी के दिन भूलवश भी चंद्रमा का दर्शन नहीं करने की सलाह दी जाती है. मान्यता है कि इस चंद्रमा का दर्शन करने वालों पर मिथ्या कलंक या आरोप लग सकते हैं. ज्योतिष के अनुसार द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण पर सम्यन्तक मणि चुराने का आरोप लगा था ऐसा चतुर्थी के चांद को देखने के कारण हुआ था. जानें नए साल 2022 की पहली विनायक चतुर्थी व्रत का पूजा मुहूर्त एवं चंद्रमा के उदय का समय क्या है?

वरद चतुर्थी की तिथि, पूजा मुहूर्त

चतुर्थी तिथि आरंभ: 5 जनवरी, बुधवार दोपहर 02: 34 मिनट से

चतुर्थी तिथि समाप्त: 6 जनवरी, गुरुवार दोपहर 12: 29 मिनट पर

पूजा मुहूर्त

6 जनवरी, गुरुवारप्रातः11:25 मिनटसेदोपहर 12: 29 मिनटतक

दोपहर में की जाती है गणेश की पूजा

विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा दोपहर के समय में होती है. 06 जनवरी को गणेश पूजा के लिए आपको 01 घंटा 04 मिनट का समय प्राप्त होगा. विनायक चतुर्थी पूजा का मुहूर्त दिन में 11 बजकर 25 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक है.

गणेश मंत्र

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ.

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

वरद चतुर्थी पूजा विधि

  • चतुर्थी वाले दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर गंगाजल मिश्रित पानी से स्नान करना चाहिए.

  • शुद्ध मन से व्रत संकल्प लें.

  • पंचोपचार विधि से गणेश की पूजा करें.

  • गणेश को फल, पुष्प और उनका प्रिय मोदक अर्पित करें.

विघ्नहर्ता हैं गणेश

गणेश का स्थान सभी देवी-देवताओं में सर्वोपरि माना गया है इसी वजह से ये प्रथमपूज्य हैं. गणेश सभी संकटों करते हैं यही कारण है कि इन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. जो भगवान गणेश की पूजा-अर्चना नियमित रूप से करते हैं उनके घर में सुख और समृद्धि बढ़ती है. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश को चतुर्थी तिथि का अधिष्ठाता माना गया है. शास्त्र के अनुसार इसी दिन भगवान गणेश का अवतरण हुआ था. इसी कारण चतुर्थी, भगवान गणेश को अत्यंत प्रिय है और इस दिन गणेश की पूजा करने वाले लोगों पर विनायक की विशेष कृपा होती है.

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