Vijaya Ekadashi 2024: विजया एकादशी पर जरूर करें तुलसी से जुड़े ये खास उपाय, जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि, मंत्र और पूजन सामग्री

Vijaya Ekadashi 2024: विजया एकादशी व्रत फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाएगा. ऐसे में इस विशेष दिन पर तुलसी जी की पूजा से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है.

By Radheshyam Kushwaha | March 4, 2024 9:08 AM

Vijaya Ekadashi 2024 Tulsi Upay: सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है. प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है. धार्मिक मान्यता है कि विजया एकादशी व्रत का पालन करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. विजया एकादशी व्रत फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाएगा. ऐसे में इस विशेष दिन पर तुलसी जी की पूजा से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है, इस दिन तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि विजया एकादशी व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने पर सभी तरह के कष्ट समाप्त हो जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र में तुलसी से जुड़े कुछ उपाय बताए गए हैं, जिन्हें एकादशी व्रत करने से विशेष लाभ मिलता है. आइए जानते हैं, तुलसी से जुड़े कुछ विशेष उपाय.

विजया एकादशी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है. पंचांग के अनुसार, विजया एकादशी तिथि की शुरुआत 06 मार्च को सुबह 06 बजकर 30 मिनट से होगी और अगले दिन 07 मार्च की सुबह 04 बजकर 13 मिनट पर तिथि का समापन होगा, इस बार विजया एकादशी व्रत 06 मार्च को है.

एकादशी व्रत के दिन जरूर करें तुलसी से जुड़े कुछ खास उपाय

  • एकादशी व्रत के दिन तुलसी के पौधे पर लाल रंग का चूनर चढ़ाएं और संध्या काल में घी का दीपक जरूर जलाएं.
  • विजया एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को कलवा बांधें. ऐसा करने पर सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है.
  • वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि के लिए तुलसी के पौधे को 16 श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें.
  • विवाह में हो रही देरी के लिए एकादशी व्रत के दिन तुलसी और शालिग्राम भगवान की उपासना जरूर करें.
  • तुलसी के पौधे पर कच्चा दूध चढ़ाना बहुत मंगलकारी माना जाता है.
  • विवाह में देरी और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए तुलसी पर सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित कर सकते हैं.
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एकादशी पूजा विधि

  • एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें.
  • अब मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें.
  • चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें.
  • भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें.
  • भगवान विष्णु को पीले चंदन और हल्दी कुमकुम से तिलक करें.
  • भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें.
  • अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें.
  • भगवान विष्णु को भोग लगाएं.
  • भगवान विष्णु की आरती करें.

तुलसी मंत्र

  • तुलसी मां पर जल चढ़ाते समय ‘ॐ-ॐ’ मंत्र का 11 या 21 बार जाप किया जाना चाहिए.
  • तुलसी का पत्ता तोड़ते समय ॐ सुभद्राय नम:, मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी, नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते।। मंत्र का जाप करें.
  • जीवन में सफलता पाने के लिए महाप्रसादजननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।। मंत्र का जाप करें.

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