Vastu Tips: भारत की सांस्कृतिक विरासत में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है. यह केवल एक प्राचीन ज्ञान नहीं, बल्कि हमारे जीवन की ऊर्जा, सुख-शांति और समृद्धि से जुड़ा वैज्ञानिक दृष्टिकोण है. हमारे ऋषि-मुनियों ने पंचतत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश के संतुलन को ध्यान में रखते हुए वास्तु सिद्धांतों की रचना की थी. आज के आधुनिक युग में भी अगर घर का वातावरण वास्तु अनुसार हो, तो वह जीवन की कई समस्याओं का समाधान बन सकता है.
पूजाघर की दिशा में हो सावधानी(Vastu Tips)
हिंदू धर्म में ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) को देवताओं का स्थान माना गया है. यदि पूजाघर इसी दिशा में बनाया जाए, तो घर में आध्यात्मिक ऊर्जा बनी रहती है. पूजाघर के ऊपर या नीचे टॉयलेट, रसोई या सीढ़ियां नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है. पूजा नियमित रूप से करें और पूजा स्थान को हमेशा स्वच्छ रखें. इससे मन की शांति बनी रहती है और पारिवारिक सौहार्द भी बढ़ता है.
सही रंगों का चयन करेगा चमत्कार(Vastu Tips)
अगर आपको लगता है कि आपकी मेहनत के बावजूद धन नहीं टिकता, तो अपने घर की दक्षिण-पूर्व दिशा पर ध्यान दें. इस क्षेत्र में नीले रंग का प्रयोग न करें. इसके स्थान पर हल्का नारंगी या गुलाबी रंग अधिक शुभ माना जाता है. अग्नि तत्व से जुड़ी यह दिशा ऊर्जा और समृद्धि से संबंधित होती है, इसलिए इसका संतुलन अत्यंत आवश्यक है.
साफ-सफाई है सफलता की कुंजी(Vastu Tips)
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में मकड़ी के जाले, धूल और गंदगी नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं. इन्हें समय-समय पर हटाते रहें. शुद्ध और स्वच्छ वातावरण न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है. यह भी धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि भगवान का वास स्वच्छ स्थान पर ही माना जाता है.
घर की हर दिशा का रखें ध्यान(Vastu Tips)
उत्तर-पश्चिम दिशा पार्किंग के लिए शुभ मानी जाती है, वहीं दक्षिण-पश्चिम में ओवरहैड वाटर टैंक रखना लाभकारी होता है. किचन में गैस चूल्हा आग्नेय कोण में हो और दोनों तरफ कुछ इंच की दूरी होनी चाहिए, ताकि अग्नि तत्व का संतुलन बना रहे.
पौधों से जुड़ी वास्तु की बातें(Vastu Tips)
घर में तुलसी, मनी प्लांट जैसे सकारात्मक ऊर्जा देने वाले पौधे रखें, लेकिन कैक्टस, कांटेदार झड़ियां या सूखे पौधे न रखें. ये नकारात्मकता और अशांति को बढ़ावा देते हैं. सूखे पौधों को तुरंत हटा देना चाहिए और नियमित रूप से पौधों को पानी देना शुभ होता है.
दरवाजों और खिड़कियों की भी होती है भूमिका(Vastu Tips)
दरवाजों को खोलते और बंद करते समय आवाज न हो, यह वास्तु शांति का प्रतीक माना जाता है. कर्कश ध्वनि नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकती है. घर के मुख्य द्वार को सुंदर और आकर्षक रखें, क्योंकि इसे लक्ष्मी का प्रवेश द्वार माना जाता है.
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