Tulsi Vivah 2021 Puja Vidhi, Muhurat: आज है तुलसी विवाह, जानें विवाह कराने की क्या है सरल विधि,शुभ मुहूर्त

Tulsi Vivah 2021 Puja Vidhi, Muhurat: इस साल देवउठनी एकादशी 14 नवंबर के दिन था. लेकिन इस बार उसी दिन तुलसी विवाह नहीं किया गया. बल्कि तुलसी विवाह 15 नवंबर यानी आज के दिन किया जाएगा. कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम से कराया जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2021 1:56 PM

हिंदू धर्म में तुलसी पूजा का विशेष महत्व है. तुलसी के पौधे को पूजनीय स्थान प्राप्त है. यही नहीं तुलसी जी को मां लक्ष्मी का रूप भी माना गया है. कार्तिक मास में तुलसी पूजा का विशेष महत्व है. तुलसी विवाह इस बार 15 नवंबर को है. कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम से कराया जाता है.

Tulsi Vivah 2021: इसलिए आज मनाया जा रहा है तुलसी विवाह

इस साल देवउठनी एकादशी 14 नवंबर के दिन था. लेकिन इस बार उसी दिन तुलसी विवाह नहीं किया गया. बल्कि तुलसी विवाह 15 नवंबर यानी आज के दिन किया जाएगा. क्योंकि 14 नवंबर के दिन रविवार होने के कारण तुलसी जी को छूना भी पाप माना जाता है.

Tulsi Vivah 2021: तुलसी विवाह मुहूर्त

द्वादशी तिथि प्रारम्भ- 15 नवम्बर 2021 को 06:39 AM बजे

द्वादशी तिथि समाप्त- 16 नवम्बर 2021 को 08:01 AM बजे

तुलसी विवाह 15 नवंबर दिन सोमवार को

Tulsi Vivah 2021: तुलसी मंत्र

‘महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते’

कहते हैं इस मंत्र का जाप नियमित रूप से तुलसी के पत्ते या पौधे को छूते हुए करना चाहिए.

मान्यता है इससे व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं.

Tulsi Vivah 2021: तुलसी विवाह की आसान विधि

तुलसी विवाह शाम के समय करवाया जाता है. तुलसी के गमले पर गन्ने का मंडप बनाया जाता है. तुलसी पर लाल चुनरी और सुहाग की सामग्री चढ़ाई जाती है. इसके बाद गमले में शालिग्राम जी को रखकर विवाह की रस्में शुरू की जाती है. विवाह के सारे नियमों का इस दौरान पालन किया जाना चाहिये. शालिग्राम और तुलसी पर हल्दी लगाने के बाद मंडप पर भी हल्दी लेप लगाएं और पूजा करें. इसके बाद विवाह की सारी रस्में पूरी करने के बाद प्रसाद बांटें.

Tulsi Vivah 2021: तुलसी विवाह सामग्री लिस्ट

पूजा में मूली, आंवला, बेर, शकरकंद, सिंघाड़ा, मूली, सीताफल, अमरुद और अन्य ऋतु, मंडप तैयार करने के लिए गन्ने, भगवान विष्णु की प्रतिमा, तुलसी का पौधा, चौकी, धूप, दीपक, वस्त्र, माला, फूल, सुहाग का सामान, सुहाग का प्रतीक लाल चुनरी, साड़ी, हल्दी.

Next Article

Exit mobile version