Navratri 2022, Brahmacharini Puja: नवरात्र का दूसरा दिन आज, मां ब्रह्मचारिणी की ऐसे करें पूजा

Navratri 2022 Day 2, Brahmacharini Puja: आज शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन है. आज 27 सितंबर को मां ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini) की पूजा की जाएगी. मां ब्रह्मचारिणी कौन हैं और इनकी पूजा का क्या महत्व है, आइए जानते हैं.

By Shaurya Punj | September 27, 2022 6:01 AM

Navratri 2022 Day 2, Brahmacharini Puja:  हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व बहुत ही पवित्र माना गया है. 7 अक्टूबर 2021 से नवरात्रि का पावन पर्व आरंभ हो चुका है. 27 सितंबर 2022, मंगलवार को मां ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini) की पूजा की जाएगी. मां ब्रह्मचारिणी कौन हैं और इनकी पूजा का क्या महत्व है, आइए जानते हैं.

शारदीय नवरात्रि शुभ मुहूर्त

द्वितीया तिथि की शुरुआत 27 सितंबर को 03:09 AM से ही रही है, जोकि अगले दिन 28 सितंबर को  02:28 AM तक है. .

ऐसा है मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप

ब्रह्मचारिणी इस लोक के समस्त चर और अचर जगत की विद्याओं की ज्ञाता हैं. इनका स्वरूप श्वेत वस्त्र में लिप्टी हुई कन्या के रूप में है, जिनके एक हाथ में अष्टदल की माला और दूसरे हाथ में कमंडल है. यह अक्षयमाला और कमंडल धारिणी ब्रह्मचारिणी नामक दुर्गा शास्त्रों के ज्ञान और निगमागम तंत्र-मंत्र आदि से संयुक्त है. अपने भक्तों को यह अपनी सर्वज्ञ संपन्न विद्या देकर विजयी बनाती हैं. ब्रह्मचारिणी का स्वरूप बहुत ही सादा और भव्य है. अन्य देवियों की तुलना में वह अतिसौम्य, क्रोध रहित और तुरंत वरदान देने वाली देवी हैं.

पूजा से ये मिलता है फल

साधक इस दिन अपने मन को स्वाधिष्ठान चक्र में स्थित करते हैं और माँ की कृपा प्राप्त करते हैं. इनकी आराधना से अनंत फल की प्राप्ति एवं तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम जैसे गुणों की वृद्धि होती हैं. जीवन के कठिन संघर्षों में भी व्यक्ति अपने कर्तव्य से विचलित नहीं होता. मां ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से उसे सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती हैं. लालसाओं से मुक्ति के लिए मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान लगाना अच्छा होता है.

मां ब्रह्मचारिणी  की पूजा विधि

  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करने के बाद मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें

  • अब मां दुर्गा को अर्घ्य दें

  • मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं

  • धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें

  • मां को भोग भी लगाएं. इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है

इन मंत्रों का करें जाप

अगर आप भी किसी कार्य में अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो इस दिन आपको देवी ब्रह्मचारिणी के इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए. देवी ब्रह्मचारिणी का मंत्र इस प्रकार है- ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:’ आपको इस मंत्र का कम से कम एक माला, यानी 108 बार जाप करना चाहिए. इससे विभिन्न कार्यों में आपकी जीत सुनिश्चित होगी.

ब्रह्मचारिणी देवी का मंत्र

देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय हाथों में एक लाल फूल लेकर देवी का ध्यान करें और हाथ जोड़ते हुए प्रार्थना करते हुए मंत्र का उच्चारण करें.

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