Shani Jayanti 2022: शनि जयंती पर करें शनि देव को प्रसन्न, यहां देखें पूजन विधि और पूजा सामग्री लिस्ट

Shani Jayanti 2022 Date: ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या 29 मई दिन रविवार को दोपहर 2:54 से प्रारंभ होगी और 30 मई को 4:59 पर समाप्त होगी. सूर्य के उदय के आधार पर शनि जयंती 30 मई दिन सोमवार को मनाई जाएगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 20, 2022 3:20 PM

Shani Jayanti 2022 date: साल 2022 में 30 मई दिन सोमवार को शनि जयंती मनाई जाएगी. हर साल जेष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है. इस बार शनि जयंती के साथ सोमवती अमावस्या का योग भी बन रहा है. ऐसा संयोग बहुत कम बनता है जब शनि जयंती और सोमवती अमावस्या दोनों एक साथ हो. ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर वटसावित्री व्रत भी किया जाता है.

शनि जयंती पर बन रहा है शुभ योग

ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या 29 मई दिन रविवार को दोपहर 2:54 से प्रारंभ होगी और 30 मई को 4:59 पर समाप्त होगी. सूर्य के उदय के आधार पर शनि जयंती 30 मई दिन सोमवार को मनाई जाएगी. इस दिन दिन सुकर्मा योग है, और प्रातः काल से ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी है, शनिदेव की पूजा के दिन अभिजीत मुहूर्त भी है.

शनि जयंती पूजा विधि

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें. इसके बाद साफ कपड़े धारण कर लें. भगवान शनि का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प करें. अब शनिदेव की पूजा आरंभ करें. सबसे पहले एक चौकी में काले रंग का कपड़ा बिछाकर शनिदेव की तस्वीर या फिर प्रतीक के रूप में सुपारी रख दें. इसके बाद इसे पंचगव्य और पंचामृत से स्नान करा दें. इसके बाद सिंदूर, कुमकुम, काजल लगाएं और नीले रंग के फूल अर्पित करें इसके बाद श्री फल सहित अन्य फल चढ़ाएं. फिर बाद दीपक और धूप जलाएं. शनि चालीसा के साथ शनि मंत्रों का जाप करें.

शनि जयंती 2022 पूजन सामग्री

शनि जयंती के दिन कर्मफलदाता शनि देव की पूजा के लिए कुछ आवश्यक सामग्री की आवश्यकता पड़ती है. इसकी लिस्ट नीचे दी गई है.

1. शनि देव की मूर्ति या तस्वीर
2. काला और नीला वस्त्र
3. काला तिल
4. नीले फूल, पुष्प माला
5. सरसों का तेल, तिल का तेल
6. शनि चालीसा, शनि देव की जन्म कथा की पुस्तक
7. शमी का पत्ता
8. अक्षत्, धूप, दीप, गंध, जल, बत्ती
9. हवन सामग्री

इन मंत्रों का करें जाप

ऊं शं शनैश्चराय नमः
ऊं प्रां प्रीं प्रौ स: शनैश्चराय नमः

इन मंत्रों का जाप करते हुए शनि जयंती के दिन भगवान शनिदेव की आराधना करें. इससे आपके समस्त पाप धुल जाएंगे. गृह क्लेश से शांति होगी. आप के कारोबार में वृद्धि होगी. धन, संपदा में वृद्धि होगी.

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