Ma Shailputri Puja Vidhi: चैत्र नवरात्र के पहले दिन ऐसे करें हिमालय पुत्री देवी शैलपुत्री की पूजा, जानें मंत्र, स्तुति, स्त्रोत, प्रार्थना व आरती

Chaitra Navratri 2021, Ma Shailputri Puja Vidhi, Mantra, Aarti, Stotra, Stuti, Prarthana: मां दुर्गा के पहले स्वरूप और हिमालय पुत्री शैलपुत्री की पूजा चमेली के फूल से करनी चाहिए. उनका स्वरूप अद्भुत है. बैल की सवारी करने वाली मां शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल होता है. आइये जानते हैं देवी शैलपुत्री की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र जाप, प्रार्थना, स्तुति, स्त्रोत व आरती....

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2021 5:20 AM

Ma Shailputri Puja Vidhi, Mantra, Aarti, Stotra, Stuti, Prarthana: मां दुर्गा के पहले स्वरूप और हिमालय पुत्री शैलपुत्री की पूजा चमेली के फूल से करनी चाहिए. उनका स्वरूप अद्भुत है. बैल की सवारी करने वाली मां शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल होता है. आइये जानते हैं देवी शैलपुत्री की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र जाप, प्रार्थना, स्तुति, स्त्रोत व आरती….

देवी शैलपुत्री का मंत्र जाप

ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥

(Om Devi Shailaputryai Namah॥)

देवी शैलपुत्री की प्रार्थना

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

देवी शैलपुत्री की स्तुति

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

(Ya Devi Sarvabhuteshu Maa Shailaputri Rupena Samsthita,

Namastasyai Namastasyai Namastasyai Namo Namah)

देवी शैलपुत्री का स्त्रोत

प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागरः तारणीम्।

धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥

त्रिलोजननी त्वंहि परमानन्द प्रदीयमान्।

सौभाग्यरोग्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥

चराचरेश्वरी त्वंहि महामोह विनाशिनीं।

मुक्ति भुक्ति दायिनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥

देवी शैलपुत्री का क्वच

ॐकारः में शिरः पातु मूलाधार निवासिनी।

हींकारः पातु ललाटे बीजरूपा महेश्वरी॥

श्रींकार पातु वदने लावण्या महेश्वरी।

हुंकार पातु हृदयम् तारिणी शक्ति स्वघृत।

फट्कार पातु सर्वाङ्गे सर्व सिद्धि फलप्रदा॥

देवी शैलपुत्री की आरती

शैलपुत्री माँ बैल असवार। करें देवता जय जय कार॥

शिव-शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने न जानी॥

पार्वती तू उमा कहलावें। जो तुझे सुमिरे सो सुख पावें॥

रिद्धि सिद्धि परवान करें तू। दया करें धनवान करें तू॥

सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती जिसने तेरी उतारी॥

उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुःख तकलीफ मिटा दो॥

घी का सुन्दर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के॥

श्रद्धा भाव से मन्त्र जपायें। प्रेम सहित फिर शीश झुकायें॥

जय गिरराज किशोरी अम्बे। शिव मुख चन्द्र चकोरी अम्बे॥

मनोकामना पूर्ण कर दो। चमन सदा सुख सम्पत्ति भर दो॥

Posted By: Sumit Kumar Verma

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