Rama Ekadashi 2025: रमा एकादशी पर पूजा के दौरान इन मंत्रो का करें जाप, जानिए ये एकादशी क्यों है इतनी खास

Rama Ekadashi 2025: रमा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है. इस साल रमा एकादशी 17 अक्टूबर को मनाई जाएगी. तो आइए जानते हैं कौन से हैं वो दिव्य मंत्र, जिनके जप से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी दोनों प्रसन्न होते हैं.

By JayshreeAnand | October 13, 2025 1:25 PM

Rama Ekadashi 2025: रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना का विशेष महत्व होता है. इस दिन श्रद्धा और भक्ति से मंत्रों का उच्चारण करने से सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. नीचे दिए गए मंत्रों का जाप आप इस शुभ तिथि पर कर सकते हैं.

इन मंत्रो का करें जाप

भगवान विष्णु का ध्यान मंत्र

“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।”

यह मंत्र विष्णु जी के नाम का जप है, जिससे मन को शांति और भक्ति की शक्ति प्राप्त होती है.

विष्णु गायत्री मंत्र

“ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्।”

इस मंत्र का जप करने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और जीवन में सभी कार्य सफल होते हैं.

लक्ष्मी गायत्री मंत्र

“ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।”

यह मंत्र मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने वाला है, जिससे धन, वैभव और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

विष्णु स्तुति श्लोक

“शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं,

विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्।

लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्,

वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥”

इस श्लोक का पाठ भगवान विष्णु की शांति, सौंदर्य और करुणा का ध्यान करने के लिए किया जाता है. रमा एकादशी के दिन इन मंत्रों का श्रद्धापूर्वक जाप करने से विष्णु-लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है.

रमा एकादशी पूजा विधि

सुबह स्नान कर लाल या पीले वस्त्र पहनें. पूजा स्थल को साफ करके विष्णु लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें। कलश में जल, गंगाजल, सुपारी और अक्षत रखें. फूल, चावल और पंचामृत से देवी-देवताओं का स्नान कराएं. तिलक और माला अर्पित करें। फल, मिठाई, सिक्के और कमल के फूल चढ़ाएं. घी का दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का जाप करें। पूजा के बाद शंखनाद करें और प्रसाद वितरित करें.

रमा एकादशी क्यों है खास

रमा एकादशी का महत्व इसलिए है क्योंकि यह व्रत भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है. इसे करने से जीवन में धन-संपत्ति, सुख-शांति और पापों से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि इस व्रत से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है और अंत में व्यक्ति को वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है. यह व्रत खासकर कार्तिक महीने में रखा जाता है, जो भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है.

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रमा व्रत का समय कब है?

रमा एकादशी कार्तिक महीने में आती है। इस साल यह 17 अक्टूबर को है.

व्रत रखने से क्या लाभ होता है?

इस व्रत से भौतिक सुख, समृद्धि और अंत में वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है.

रमा एकादशी पर क्या करना चाहिए?

इस दिन विधिपूर्वक भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें, वैदिक मंत्रों का जाप करें और संयमित व्रत रखें.

व्रत के दौरान क्या खाना चाहिए या बचना चाहिए?

भक्त इस दिन उपवास रखते हैं. कुछ लोग फल, दूध या हल्का भोजन करते हैं और अनाज या मांसाहार से बचते हैं.

मंत्रों का जाप क्यों जरूरी है?

मंत्रों का जाप भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा पाने का सर्वोत्तम तरीका है. इससे मन को शांति मिलती है और व्रत फलदायी होता है.

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