Navratri 2021: महाअष्टमी के दिन माता को करें प्रसन्न,आरती और इन मंत्र का करें जाप,धन-धान्य की होगी बढ़ोत्तरी

नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मां महागौरी की पूजा की जाती है. मां महगौरी मां दुर्गा का आठवां स्वरूप है। इन्हें आठवीं शक्ति कहा जाता है. महागौरी हीं शक्ति मानी गई हैं. पुराणों के अनुसार इनके तेज से संपूर्ण विश्व प्रकाशमान है. ऐसी मान्यता है कि मां गौरी की आरती सुनने और पढ़ने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2021 7:53 AM

नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मां महागौरी की पूजा की जाती है. मां महगौरी मां दुर्गा का आठवां स्वरूप है. इन्हें आठवीं शक्ति कहा जाता है. महागौरी हीं शक्ति मानी गई हैं. पुराणों के अनुसार इनके तेज से संपूर्ण विश्व प्रकाशमान है. ऐसी मान्यता है कि मां गौरी की आरती सुनने और पढ़ने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

मां महागौरी की पूजन विधि

अष्टमी तिथि के दिन प्रात:काल स्नान-ध्यान के पश्चात् कलश पूजन के पश्चात् मां की विधि-विधान से पूजा करें। इस दिन मां को सफेद पुष्प अर्पित करें, मां की वंदना मंत्र का उच्चारण करें. आज के दिन माँ को हलुआ, पूरी, सब्जी, काले चने एवं नारियल का भोग लगाएं. माता रानी को चुनरी अर्पित करें. अगर आपके घर अष्टमी पूजी जाती है तो आप पूजा के बाद कन्याओं को भोजन भी करा सकते हैं ये शुभ फल देने वाला माना गया है.

आराधना मंत्र-

श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।

महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।

महागौरी की आरती

जय महागौरी जगत की माया ।

जय उमा भवानी जय महामाया ॥

हरिद्वार कनखल के पासा ।

महागौरी तेरा वहा निवास ॥

चंदेर्काली और ममता अम्बे

जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे ॥

भीमा देवी विमला माता

कोशकी देवी जग विखियाता ॥

हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा

महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ॥

सती ‘सत’ हवं कुंड मै था जलाया

उसी धुएं ने रूप काली बनाया ॥

बना धर्म सिंह जो सवारी मै आया

तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ॥

तभी मां ने महागौरी नाम पाया

शरण आने वाले का संकट मिटाया ॥

शनिवार को तेरी पूजा जो करता

माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ॥

‘चमन’ बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो

महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो ॥

स्तोत्र पाठ

सर्वसंकट हंत्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।

ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥

सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदीयनीम्।

डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥

त्रैलोक्यमंगल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्।

वददं चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

Posted By: Shaurya Punj

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