नवरात्रि 2022: दुर्गा मां को न चढ़ायें कनेर, धतूरा समेत ये पुष्प, उपासना सामग्री की पूरी लिस्ट देखें

नवरात्रि 2022: नवरात्र उपासना में गाय के घी का दीपक जलाना सबसे अच्छा माना जाता है. लेकिन ऐसा संभव न हो तो गिरी या तिल के तेल का इस्तेमाल भी किया जाता है. जानें मां दुर्गा की उपासना में किन चीजों का कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं और किन चीजों को वर्जित माना गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2022 8:37 AM

Durga Puja 2022: नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा की विशेष उपासना की जाती है. कई बार नवरात्रि में मां की उपासना करते वक्त कौन-सी सामग्री का इस्तेमाल करें और किस सामग्री का इस्तेमाल न करें इस बात को लेकर कंन्फ्यूजन रहती है ऐसे में यहां देखें मां की उपासना के लिए जरूरी सामग्री की पूरी लिस्ट. इस बात का ध्यान रखें की मां को कनेर, धतूरा, मंदार जैसे पुष्प चढ़ाना वर्जित माना गया है. आगे पढ़ें पूरी डिटेल.

नवरात्र उपासना के लिए जरूरी सामग्री

नवरात्र अनुष्ठान, पूजन एवं उपासना के लिए निम्नलिखित सामग्री की मुख्य रूप से आवश्यकता होती है.

जल : नवरात्र अनुष्ठान के पूजा-साधना की सामग्री में जल का प्रमुख स्थान है. उपासना स्थल की लिपाई-पुताई से लेकर देव-प्रतिमाओं के स्नान, चन्दन, धूप-दीप, हवन और नैवेद्यार्पण तक में जल का प्रयोग बराबर किया जाता है. नवरात्र-उपासना में गंगाजल सर्वोत्तम होता है. जिन्हें गंगाजल उपलब्ध न हो, वे विश्वास के साथ कुएं का या समीपस्थ किसी अन्य नदी, तीर्थ सरोवर का जल ला सकते हैं. चाहे जहां से भी जल लिया जाय, उसे शुद्ध स्वच्छ, निर्मल और साफ मंजे-धुले बर्तन में होना चाहिए. जल-पात्र ढंका रखना चाहिए. ताकि उसमें कूड़ा-करकट और कोई कीट-पतंग न जा सके. पूजा के समय आवश्यकतानुसार पात्र में जल लिया जा सकता है.

स्वर्ण, चांदी या तांबा निर्मित कलश का प्रयोग करें

कलश ‘नवरात्र’ उपासना के लिए स्वर्ण, चांदी या तांबा निर्मित कलश का प्रयोग किया जाता है. चन्दन शास्त्रों के अनुसार नवरात्र उपासना में लालचन्द प्रमुख है.

अक्षत के चावल के दाने टूटे, कटे, घने न हों

अक्षत: नवरात्र पूजन सामग्री में अक्षत को एक प्रमुख सामग्री में से एक माना जाता है. नवरात्र पूजन में अक्षत के प्रयोग में यह सावधानी बरतनी चाहिए कि चावल के दाने टूटे, कटे, घने न हों. प्रयोग के पूर्व चावलों को धो लेना चाहिए.

कनेर, धतूरा, मंदार पुष्प वर्जित है

पुष्प: नवरात्र पूजन में लाल रंग के पुष्प इस्तेमाल होते हैं. देवी दुर्गा के पूजन उपासना में कमल, गुड़हल, गुलाब, गेंदा के फूल चढ़ाये जाते हैं. ध्यान रहे नवरात्र अनुष्ठान में शास्त्रों के अनुसार कनेर, धतूरा, मंदार पुष्प वर्जित हैं.

धूप जलाएं

धूप: पूजा के समय धूपदानी में अंगारे रखकर उन पर कुछ विशिष्ट वस्तुओं का मिश्रण छिड़का जाता है. इस क्रिया को ‘धूप देना’ कहते हैं. अंगारों पर मिश्रण छिड़कने से सुगन्धित धुंआ उठता है.

गाय के घी का दीपक जलाना सबसे अच्छा

दीप: नवरात्र उपासना में गाय के घी का दीपक जलाना सबसे अच्छा माना जाता है. लेकिन ऐसा संभव न हो तो गिरी या तिल के तेल का इस्तेमाल भी किया जाता है. ऐसा भी संभव न हो तो माता दुर्गा से क्षमा मांग कर सरसों का तेल भी इस्तेमाल किया जा सकता है. साधना के दौरान इन बात का ध्यान रखना चाहिए की दीपक बुझना नहीं चाहिए लगातार जलना चाहिए.

नैवेद्य का भोग लगायें

नैवेद्य: नवरात्र में देवी दुर्गा को भोग लगाना महत्वपूर्ण है. नवरात्र में देवी को नैवेद्य का भोग लगाना चाहिए. इसके अलावा फल का भी भोग लगाया जा सकता है.

नवरात्र पूजन के लिए विशेष सामग्री में

विभिन्न प्रकार के फल नारियल, केला, अनार, नारंगी, कटहल, विल्व, फल आदि भेंट करके फिर भक्ति भाव पूर्वक अन्न दान करें. नवरात्र पूजन के लिए विशेष सामग्री पान, सुपारी, सिन्दूर, अबीर गुलाल, रोरी, गुड़, मधु, दूध, दही, घी, कपूर, दूर्वा, पुष्प, विल्वपत्र, जी, कपास, पंचमेवा, ऋतुफल, कच्चा सूत, कुश, कलश-1, ढकना- 4, दीया 5, नारियल, एकरंग, द्रव्य, आचार्य के लिए धोती, गमछा, चादर, पंचपात्र, सौभाग्य द्रव्य, साड़ी, हवन सामग्री आदि.

Also Read: नवरात्रि 2022 की शुरुआत 26 सितंबर से,
इस शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापन, विधि जानें

डॉ एनके बेरा

ज्योतिष

Next Article

Exit mobile version