Hanuman Puja On Navratri: नवरात्रि के सातवें दिन बन रहा है विशेष संयोग, मंगलवार को हनुमान जी को करें प्रसन्न

Navratri 2021: पंचांग के अनुसार 12 अक्टूबर 2021, मंगलवार को आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है. नवरात्रि के इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है. इसके साथ ही सुंदरकांड का पाठ भी विशेष फलदायी माना गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2021 5:51 PM

मंगलवार व्रत यह व्रत हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। मंगलवार का दिन हिन्दू धर्म में भगवान हनुमान का दिन माना जाता है. मंगलवार को हनुमान जी की पूजा की जाती है और व्रत किया जाता है. मंगलवार का व्रत हनुमान की कृपा व आर्शीवाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है. हनुमान की सभी की रक्षा करते है.

पंचांग के अनुसार 12 अक्टूबर 2021, मंगलवार को आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है. नवरात्रि के इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. नवरात्रि में सप्तमी की तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन मां कालरात्रि और हनुमान जी की पूजा का विशेष संयोग बन रहा है.

नवरात्रि में मां कालरात्रि की पूजा का महत्व

शास्त्रों में मां कालरात्रि को संकटों और विघ्न को दूर करने वाली देवी माना गया है. इसके साथ ही मां कालरात्रि को शत्रु और दुष्टों का संहार करने वाला भी बताया गया है. नवरात्रि में मां कालरात्रि की पूजा करने से तनाव, अज्ञात भय और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है.

मां काली का स्वरूप (Maa Kalratri)

मां कालरात्रि का रंग कृष्ण वर्ण है. कृष्ण वर्ण के कारण ही इन्हें कालरात्रि कहा जाता है. मां कालरात्रि की 4 भुजाएं हैं. पौराणिक कथा के अनुसार असुरों के राजा रक्तबीज का संहार करने के लिए दुर्गा मां ने मां कालरात्रि का रूप लिया था.

हनुमान पूजा

मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है. इसके साथ ही सुंदरकांड का पाठ भी विशेष फलदायी माना गया है. हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा प्रदान करते हैं. हनुमान चालीसा का पाठ जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करने में सहायक माना गया है.

इन बातों का ध्यान रखें

हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. हनुमान चालीसा का पाठ स्नान करने के बाद ही आरंभ करना चाहिए. हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र के सम्मुख बैठकर ही हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. पाठ का समापन करने के बाद प्रसाद का वितरण करना चाहिए.

Posted By: Shaurya Punj

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