आज शाम Mangal Shukra Grah एक-दूसरे को स्पर्श करते आयेंगे नजर, जानें व्यक्ति के जीवन पर क्या पड़ेगा प्रभाव

Mangal Shukra Yuti, Mars And Venus Conjunction, Relationship, Rashifal: आज शाम सूर्यास्त के बाद पृथ्वी के दो पड़ोसी ग्रह मंगल और शुक्र एक दूसरे को स्पर्श करते आकाश में नजर आयेंगे. आसमान में यह चमकदार आभा के रूप में प्रदर्शित होगा. दरअसल, मार्स यानी मंगल ग्रह को पौरुष का तो वीनस यानी शुक्र ग्रह को सौंदर्य का प्रतिक माना गया है. इन दोनों के मिलन को हिंदू धर्म में उमा-शंकर योग कहा जाता है. जैसा कि ज्ञात हो हर ग्रह व्यक्ति के जीवन में अच्छा-बुरा प्रभाव डालता है. ऐसे में आइये जानते है इस खगोलिय घटना का क्या प्रभाव पड़ेगा...

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2021 12:23 PM

Mangal Shukra Yuti, Mars And Venus Conjunction, Relationship, Rashifal: आज शाम सूर्यास्त के बाद पृथ्वी के दो पड़ोसी ग्रह मंगल और शुक्र एक दूसरे को स्पर्श करते आकाश में नजर आयेंगे. आसमान में यह चमकदार आभा के रूप में प्रदर्शित होगा. दरअसल, मार्स यानी मंगल ग्रह को पौरुष का तो वीनस यानी शुक्र ग्रह को सौंदर्य का प्रतिक माना गया है. इन दोनों के मिलन को हिंदू धर्म में उमा-शंकर योग कहा जाता है. जैसा कि ज्ञात हो हर ग्रह व्यक्ति के जीवन में अच्छा-बुरा प्रभाव डालता है. ऐसे में आइये जानते है इस खगोलिय घटना का क्या प्रभाव पड़ेगा…

मंगल और शुक्र इनके प्रतिक

वैदिक ज्योतिष के मुताबिक मंगल ग्रह को तेज और अग्नि सी ऊर्जा का प्रतीक माना गया है. जबकि, शुक्र ग्रह को सौंदर्य, प्रेम, काम, यौन इच्छा, वासना आदि का प्रतिक माना गया है.

दोनों के मिलन का मतलब

जब दोनों ग्रहों का मिलन होता है तो व्यक्ति में काम वासना अधिक बलवान हो जाता है. कुंडली के अलग-अलग भावों के अनुसार थोड़ा कम-ज्यादा हो सकता है. लेकिन, मूलत: यह व्यक्ति को अत्यंत कामी बना देता है.

क्या होता है मंगल-शुक्र के मिलन का प्रभाव

  • ज्योतिषाचार्यों की मानें तो दोनों ग्रहों के मिलन से व्यक्ति का जीवन संतुलित होगा.

  • इसका सीधा संबंध हमारे दिल से होता है.

  • इस दौरान यौन इच्छाएं चरम पर हो जाती है

  • इस दौरान बिगड़े पति-पत्नी, प्रेमी-प्रेमिकाओं के रिश्ते भी सुधर जाते है.

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व्यक्ति में पौरुषीय ऊर्जा बलवान हो जाती हैं

गौरतलब है कि वैदिक ज्योतिष में दो या दो से अधिक ग्रहों के मिलन या कुंडली के एक घर में विराजमान रहना ही युति कहलाता है. जब आपस में तीन ग्रहों का मिलन होता है तो इसे त्रिग्रही योग कहा जाता है, ठीक उसी तरह चार ग्रहों के योग को चतुर्ग्रही योग और पांच ग्रह के योग को पंचग्रही योग भी कहा जाता है.

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Posted By: Sumit Kumar Verma

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