Magh Purnima 2024: माघ पूर्णिमा कब है आज या कल? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और स्नान-दान का सही समय

Magh Purnima 2024 Date: माघ मास की पूर्णिमा तिथि काफी शुभ मानी जाती है. मान्यता है कि इस दिन स्नान दान करने से हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है. माघ पूर्णिमा तिथि दो दिन होने के कारण काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है

By Radheshyam Kushwaha | February 28, 2024 4:05 PM

Magh Purnima 2024: सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है. माघ पूर्णिमा के दिन सभी सरोवरों, तीर्थस्थानों और नदियों में शुद्धता पूर्वक स्नान करने की महत्ता बताई गई है. मान्यता है कि इस दिन स्नान दान करने से हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और कई गुना अधिक पुण्यों की प्राप्ति होती है. इस साल पूर्णिमा तिथि दो दिन होने के कारण काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. आइए जानते हैं माघी पूर्णिमा की सही तिथि, मुहूर्त कब है.

कब है माघ पूर्णिमा 2024?

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह की पूर्णिमा तिथि 23 फरवरी को दोपहर 3 बजकर 36 मिनट से शुरू हो रही है, जो 24 फरवरी को शाम 6 बजकर 34 मिनट पर समाप्त हो रही है. ऐसे में उदया तिथि के आधार पर माघ पूर्णिमा 24 फरवरी 2024 मनाई जाएगी. हालांकि कुछ पंडितों के अनुसार माघ पूर्णिमा का व्रत आज 23 फरवरी दिन शुक्रवार को रखा जाएगा. क्योंकि माघ पूर्णिमा व्रत में चंद्रमा की पूजा करने का विधान है. 24 फरवरी को पूर्णिमा तिथि में चंद्रोदय नहीं हो रहा है, इसलिए आज माघ पूर्णिमा व्रत रखकर चंद्रदेव की पूजन किया जाएगा. वहीं कुछ जगहों पर माघ पूर्णिमा कल शनिवार को मनाई जाएगी.

माघ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त कब से कब तक है?

स्नान-दान मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 11 मिनट से सुबह 06 बजकर 02 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त – दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक
सत्यनारायण पूजा – सुबह 08 बजकर 18 मिनट से सुबह 9 बजकर 43 मिनट तक
चंद्रोदय समय – शाम 06 बजकर 12 मिनट पर
मां लक्ष्मी पूजा समय – प्रात: 12 बजकर 09 मिनट से रात 12 बजकर 59 मिनट तक

माघ पूर्णिमा 2024 स्नान दान का शुभ मुहूर्त कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, 24 फरवरी को स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 11 बजकर से सुबह 6 बजकर 02 मिनट तक है, इस मुहूर्त में स्नान दान करना बेहद शुभ रहेगा.

माघ पूर्णिमा व्रत की पूजा कैसे करें

माघ पूर्णिमा पर स्नान, दान, हवन, व्रत और जप किए जाते हैं.
भगवान विष्णु का पूजन पितरों का श्राद्ध और गरीब व्यक्तियों को दान देना चाहिए.
माघ पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी, कुआं या बावड़ी स्नान करना चाहिए.
स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें.
व्रत का संकल्प लेकर भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए.
गरीब व्यक्ति और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान दक्षिणा जरुर देनी चाहिए.
आज सफेद और काले तिल का विशेष रूप से दान देना चाहिए.
माघ मास में काले तिल में हवन और काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए.

माघ पूर्णिमा पर क्या दान करना चाहिए

माघ पूर्णिमा के दिन घी, फल, गुड़, वस्त्र, चना इत्यादि चीजों का दान करना बेहद शुभ माना गया है, इस दिन गरीबों, जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को भोजन जरूर कराएं.

माघ पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए

माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और उन्हें प्रणाम करें.
इसके बाद इस मंत्र का 108 बार जाप करें. मंत्र: ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’.
माघ पूर्णिमा व्रत का संकल्प लें और काले तिल से अपने पितरों का तर्पण करें और फिर हवन करें.
माघ पूर्णिमा व्रत के दौरान किसी से झूठ बोलने, किसी पर क्रोध करने किसी के बारे में अप शब्द बोलने से बचें.
अपने पितरों का ध्यान करें और ध्यान करते हुए अपने सामर्थ्य अनुसार दान दें.

कैसे हुई माघ पूर्णिमा की उत्पत्ति

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 27 नक्षत्रों में एक मघा पूर्णिमा की उत्पत्ति हुई है. माघी पूर्णिमा के महत्व का उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में मिलता है, इस दिन भगवान विष्णु और हनुमान जी की विशेष रुप से पूजा की जाती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, इस दिन गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करने से दान पुण्य मिलता है.

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