कौन था दुल्ला डाकू जिसके नाम से मनाई जाती है Lohri, क्या है इसकी पूरी कहानी, जानें इस पर्व की पारंपरिक गीत, नृत्य व अन्य डिटेल

Lohri 2021, Date, Time, Puja Vidhi, Samagri, Importance, History, Dulla Daku: पंजाब में मुख्य रूप से मनाए जाने वाला पर्व लोहड़ी, 13 जनवरी 2021 को देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा. लेकिन, क्या आपको मालूम है इसके पीछे छिपी है एक डाकू की कहानी. दरअसल, दुल्ला नाम का एक डाकू अमीरों के खजाने लूट कर गरीबों में दान कर दिया करता था. आइये जानते हैं उससे जुड़े अन्य किस्सों के बारे में साथ ही साथ जानें लोहड़ी का पारंपरिक गीत व अन्य डिटेल...

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2021 6:20 AM

Lohri 2021, Date, Time, Puja Vidhi, Samagri, Importance, History, Dulla Daku: पंजाब में मुख्य रूप से मनाए जाने वाला पर्व लोहड़ी, 13 जनवरी 2021 को देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा. लेकिन, क्या आपको मालूम है इसके पीछे छिपी है एक डाकू की कहानी. दरअसल, दुल्ला नाम का एक डाकू अमीरों के खजाने लूट कर गरीबों में दान कर दिया करता था. आइये जानते हैं उससे जुड़े अन्य किस्सों के बारे में साथ ही साथ जानें लोहड़ी का पारंपरिक गीत व अन्य डिटेल…

कौन था दुल्ला डाकू

ऐसी मान्यता है कि एक बार दुल्ला के कुछ डाकू साथी अमीरों के जगह विवाहिता को भी लूट लिए. उन्होंने नव-विवाहिता को उठाकर दुल्ला के सामने पेश भी किया. जिससे दुल्ला डाकू काफी नाराज हुआ और उसे उसके पिता को लौटाने को कहा. लेकिन, लड़की के पिता ने उसे स्वीकार ही नहीं किया. फिर ससुराल वालों को देने गए तो वे भी उसे अपनाने से इतराने लगे. ऐसे में डाकू ने उसी दिन से विवाहिता को अपनी बेटी के रूप में अपना लिया और उसकी शादी धूमधाम से की. कहा जाता है कि उसी दिन से लोहड़ी मनाने की परंपरा शुरू हो गयी.

Also Read: जानें Lohri 2021 का शुभ मुहूर्त, इसकी मान्यताएं, मुख्य प्रसाद से लेकर मनाने के तरीके तक की पूरी जानकारी विस्तार से
लोहड़ी पर गाया जाता है ये पारंपरिक गीत

आपको बता दें कि इसी के बाद से पारंपरिक तौर पर एक गीत भी आज तक गाया जाता है. जिसके बोल है, सुंदरिए मुंदरिए तेरा कौन विचारा हो, दुल्ला भट्टी वाला हो…..

लोहड़ी पर विशेष नृत्य की परंपरा

इस दिन गुरुद्वारों में विशेष तौर पर दीवान भी सजाया जाता है. सर्द रात में सिख समाज के लोग अलाव जलाकर इसके चारों ओर भांगड़ा और गिद्दा नृत्य करते हैं. खास बात यह है कि इसे अब शादी व संतान होने की खुशी में भी करने की परंपरा है. लोग सामुहिक तौर पर गीत गाकर डांस तो करते ही साथ ही साथ आग में रेवड़ी, मूंगफली, मखाना जैसे भोग भी डालते हैं और खुब खुशियां मनाते हैं.

Posted By: Sumit Kumar Verma

Next Article

Exit mobile version