Jyotish Tips: परिवार में अकाल मृत्यु से पहले बार बार मिलते हैं ये संकेत, जानें
Jyotish Tips: जन्म के बाद मृत्यु तय है, लेकिन किसी को दिन तिथि का पता नहीं चलता है. मृत्यु सत्य है, लेकिन मृत्यु कैसे होगी, इसकी भी जानकारी किसी के पास नहीं होती है. दुनिया में सभी की मृत्यु एक न एक दिन हो जाती है, लेकिन मरने के तरीके अलग अलग होते हैं. ज्योतिष शास्त्र में कुछ संकेत बताए गए है, जो इस प्रकार से है-
Jyotish Tips: मृत्यु से पहले बार बार मिलते है ये संकेत, जानें कब होती है माता पिता की मौत
Jyotish Tips: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी व्यक्ति के मरने का समय करीब आता है तो उसे कई संकेत मिलते हैं. मृत्यु के पहले शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संकेत मिलते हैं, जैसे डरावने सपने, लोगों से भावनात्मक जुड़ाव, चिड़चिड़ापन, मानसिक बदलाव जैसे कई संकेत महसूस करेंगे. गरुड़ पुराण में भी मृत्यु के कुछ संकेत बताए गए हैं. मौत के नजदीक आने का संकेत इस प्रकार है.
जानें कब होती है माता पिता की मृत्यु
- जिसकी कुंडली में शत्रु स्थान में पाप ग्रह हो, व्यय स्थान में चंद्रमा हो तथा चतुर्थ स्थान में मंगल हो उसकी माता की मृत्यु समय से पहले हो जाती है.
- कुंडली में यदि चंद्रमा अस्तंगत हो, पापग्रह से युक्त अथवा दृष्ट हो तो माता की मृत्यु होती है और पाप ग्रह स्थित सूर्य से पिता की मृत्यु होती है.
- कुंडली में यदि सूर्य से चौथे स्थान में राहु, शनि अथवा मंगल हो, बृहस्पति, शुक्र की उस पर दृष्टि न हो तो पिता की मृत्यु होती है.
- कुंडली में बारहवें और छठवें स्थान में पाप ग्रह शनि, राहु-केतु माता की मृत्यु करते हैं.
- कुंडली के दसवें और चौथे स्थान में लग्नेश, 12वें स्थान में पाप ग्रह शनि, राहु-केतु पिता की मृत्यु करते हैं.
- कुंडली में यदि चंद्रमा से चौथे स्थान में पाप ग्रह शत्रुक्षेत्री हो, केंद्र में शुभ ग्रह न हों तो माता की मृत्यु होती है.
मृत्यु से पहले शारीरिक संकेत
- सांसों में बदलाव: सांस धीमी, तेज और कभी-कभी सांस रुक-रुक कर आने लगती है.
- आंखों और चेहरे में बदलाव: आंखें कांचदार या चमकदार दिखने लगती हैं.
- शरीर के अंगों में बदलाव: होंठ, जीभ, कान और नाक के हिलने-डुलने पर शरीर के बाकी अंगों में सुनापन जैसा महसूस होना.
- बालों का टूटना: बाल खींचने पर आसानी से टूट जाना और दर्द नहीं होना.
- स्वाद और भूख में बदलाव: भोजन का स्वाद नहीं मिलना और बोलने में परेशानी होना.
- कानों में आवाज न आना: कान बंद करने पर अंदर कोई आवाज सुनाई नहीं देना.
- शरीर का पीला या सफेद पड़ना: शरीर का रंग पीला या सफेद पड़ने लगता है.
- अंगों का सुन्न पड़ना: मुंह, जीभ, कान, आंखें, और नाक का सुन्न या पथराया हुआ महसूस होना.
- स्वाद और गंध में बदलाव: कड़वे या खट्टे रसों का विपरीत रूप में अनुभव होना या भोजन का सही स्वाद न मिलना.
मृत्यु से पहले मानसिक और भावनात्मक संकेत
- आध्यात्मिक रुझान: मन का आध्यात्म की ओर झुकाव और ईश्वर या मृत पूर्वजों के सपने में दिखना.
- भय और बेचैनी: काली परछाई या किसी जानवर के बार-बार परेशान करने का एहसास होना.
- भावनात्मक जुड़ाव में वृद्धि: सगे-संबंधियों के प्रति भावनात्मक जुड़ाव बढ़ना और बिछड़ने का डर महसूस होना.
- यमदूतों का दिखना: मृत्यु के करीब आने पर व्यक्ति को यमराज और यमदूत दिखने लगते हैं.
- दिशाओं का भ्रम: व्यक्ति भ्रमित रहने लगता है और उसे दिशाएं समझना मुश्किल हो जाता है.
- आसमान का रंग बदलना: आसमान का नीला रंग छोड़कर लाल दिखना, यमराज के आगमन का संकेत होता है.
- नीली मक्खियों का झुंड: जब किसी व्यक्ति को नीली मक्खियां घेर लेती हैं तो यह अकाल मृत्यु का संकेत होता है.
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