Hariyali Teej 2022: कल मनाई जाएगी हरियाली तीज, जानें कैसे करें पूजन, इस विधि से करें व्रत

Hariyali Teej 2022: कुवांरी कन्या अच्छे वर पाने की इच्छा से हरियाली तीज व्रत को करती है.इस तीज के श्रावणी तीज, कजली तीज के नाम से भी जाना जाता है.इस साल हरियाली तीज के व्रत 31 जुलाई 2022 को रखा जाएगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2022 9:26 AM

Hariyali Teej 2022: हिंदू पंचांग के मुताबिक शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है.इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए व्रत रखती हैं.साथ ही कुवांरी कन्या भी अच्छे वर पाने की इच्छा से इस व्रत को करती है.इस तीज के श्रावणी तीज, कजली तीज के नाम से भी जाना जाता है.इस साल हरियाली तीज के व्रत 31 जुलाई 2022 को रखा जाएगा.

Hariyali Teej 2022: हरियाली तीज 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त

हरियाली तीज 2022 तिथि- 31 जुलाई 2022, रविवार
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि प्रारंभ- 31 जुलाई सुबह 3 बजे से शुरू
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त- 1 अगस्त सुबह 4 बजकर 18 मिनट पर समाप्त
माघा नक्षत्र- 30 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से लेकर 31 जुलाई दोपहर 2 बजकर 20 मिनट तक
हरियाली तीज की प्रदोष पूजा- शाम 6 बजकर 33 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनट तक
रवि योग- 31 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से 1 अगस्त सुबह 5 बजकर 42 मिनट तक

Hariyali Teej 2022: पूजा सामग्री

  • काली मिट्टी या रेत

  • चौकी

  • लाल कपड़ा

  • केले के पत्ते, कच्चा सूत, धतूरा, शमी पत्र, बेलपत्र, फूल, भांग और दूर्वा.

  • तांबे का कलश, गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, चीनी, पंचामृत, अक्षत, जनेऊ और सुपारी.

  • अबीर, गुलाल, नारियल, सफेद चंदन, तेल, कपूर, फल, मिठाई और दीपक.

  • सोलह श्रृंगार में हरे रंग की साड़ी, बिंदी, सिंदूर, कुमकुम, हरी चूड़ियां, मेहंदी, शीशा, कंघी, काजल, बिछिया और इत्र रखें.

Hariyali Teej 2022:पूजा विधि

हरियाली तीज के दिन महिलाओं को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना चाहिए. उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इन दिन बालू रेत से बनाए हुए भगवान शंकर व माता पार्वती की मूर्ति का पूजन किया जाता है. शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती व उनकी सहेली की प्रतिमा बनाई जाती है. विधि विधान के साथ पूजा संपन्न करने के बाद आरती करना चाहिए.

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