Guru Ravidas Jayanti 2023: इस दिन है संत रविदास जयंती, कुछ ऐसी थी उनकी शख्सियत

Guru Ravidas Jayanti 2023: हर साल माघ पूर्णिमा (Magh Purnima), पूर्ण चन्द्रमा के दिन रविदास जयंती मनाई जाती है. वे एक समाज सुधारक थे. उन्होंने कई भक्ति और सामाजिक संदेशों को अपने लेखन के जरिए अनुनायियों, समुदाय और समाज के लोगों के लिए ईश्वर के प्रति प्रेम भाव को दर्शाया.

By Shaurya Punj | February 3, 2023 6:17 PM

Guru Ravidas Jayanti 2023: संत रविदास को भक्ति काल के महान दार्शनिकों में गिना जाता है.  आने वाले रविवार यानी 5 फरवरी को उनकी जयंती मनाई जाएगी. हर साल माघ पूर्णिमा(Magh Purnima), पूर्ण चन्द्रमा के दिन रविदास जयंती मनाई जाती है. वे एक समाज सुधारक थे. उन्होंने कई भक्ति और सामाजिक संदेशों को अपने लेखन के जरिए अनुनायियों, समुदाय और समाज के लोगों के लिए ईश्वर के प्रति प्रेम भाव को दर्शाया. संत रविदास को आज भी लोग याद करते हैं.

संत रविदास के जन्म को लेकर इतिहासकारों का है ये कहना

कई इतिहासकारों का कहना है कि संत रविदास का जन्म सन 1398 ईं में हुआ है. वहीं, कुछ जानकारों का कहना है कि उनका जन्म सन 1482 में हुआ है. संत रवि का संबंध चमार से परिवार में हुआ था. इनके पिताजी का नाम रघू और माताजी का नाम घुरविनिया था.

समाज में फैले भेद-भाव का करते थे विरोध

समाज में फैले भेद-भाव, छुआछूत का वह जमकर विरोध करते थे. जीवनभर उन्होंने लोगों को अमीर-गरीब हर व्यक्ति के प्रति एक समान भावना रखने की सीख दी. उनका मानना था कि हर व्यक्ति को भगवान ने बनाया है, इसलिए सभी को एक समान ही समझा जाना चाहिए. वह लोगों को एक दूसरे से प्रेम और इज्जत करने की सीख दिया करते थे.

कैसे मनाई जाती है रविदास जयंती

देशभर में माघ पूर्णिमा के अवसर पर संत रविदास जी का जन्म दिवस बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन लोग कीर्तन जुलूस निकालते हैं. इस दौरान गीत- संगीत, गाने, दोहे सड़कों पर बने मंदिरों में गाए जाते हैं. संत रविदास जी के भक्त उनके जन्म दिवस के दिन घर या मंदिर में बनी उनकी छवि की पूजा करते हैं.

संत रविदास जी का जन्म वाराणसी के पास के गांव में हुआ था. यही कारण है कि वाराणासी में संत रविदास जी का जन्म दिवस बेहद  भव्य तरीके से मनाया जाता है. इसमें उनके भक्त सक्रिय रुप से भाग लेने के लिए वाराणसी आते हैं.

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