Griha Pravesh Puja: गृह प्रवेश के समय इन 20 बातों का जरूर रखें ध्यान, वरना एक गलती से चली जाएगी सुख-समृद्धि
Griha Pravesh Puja: नए घर में जाने से पहले वास्तु के अनुसार सही विधि से गृह प्रवेश करना जरुरी होता है. क्योंकि माना जाता है यदि वास्तु के मुताबिक गृह प्रवेश ना किया जाए तो घर-परिवार पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इसीलिए घर सुख समृद्धि देने वाला हो, इसके लिए गृह प्रवेश के वक्त कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरुरी होता है. तो गृह प्रवेश के इन नियमों के बारे में आइए जानते हैं.
Griha Pravesh Puja: भारतीय संस्कृति में गृह प्रवेश का बहुत महत्व होता है. नया घर मंगलमयी और सुख-समृद्धि लाने वाला हो, इसी के चलते हिंदू धर्म में नए घर में जाने से पहले गृह प्रवेश पूजा की जाती है. गृह प्रवेश के वक्त बहुत सी चीजों का ध्यान रखा जाता है ताकि नकारात्मक शक्तियां घर से दूर रहे और घर-परिवार पर देवी-देवताओं का आशीर्वाद बना रहे. आइए जानते है ज्योतिषाचार्य चंद्रशेखर सिंह से गृह प्रवेश के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
गृह प्रवेश के समय इन बातों का रखना चाहिए ध्यान
पूर्ण रूप से घर बन जाने पर करें गृह प्रवेश
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर पूरी तरह से बन जाये तभी गृह प्रवेश करना चाहिए. यह शुभ होता है. यदि किसी कारण से पहले ही जाना पड़े, तो केवल पूजा करके लौट जाना चाहिए. रात में वहां पर नहीं रुकें. अधूरा घर में गृह प्रवेश से वास्तु दोष होता है.
नक्षत्र तथा शुभ मुहूर्त
गृह प्रवेश से पहले नक्षत्र तथा शुभ मुहूर्त का ध्यान रखते हुए गृह प्रवेश की तिथि तथा समय को निर्धारित किया जाना चाहिए. गृह प्रवेश के लिए सबसे उत्तम समय माघ, फाल्गुन, वैशाख तथा ज्येष्ठ माह को माना गया है. मंगलवार को छोड़कर बाकि के दिनों में गृह प्रवेश किया जा सकता है. लेकिन कुछ ख़ास परिस्थितियों में रविवार एवं शनिवार के दिन भी गृह प्रवेश शुभ नहीं होता है. अमावस्या और पूर्णिमा को छोड़कर शुक्लपक्ष 2, 3, 5, 7, 10, 11, 12, तथा 13 तिथियां गृह प्रवेश के लिए बहुत शुभ होते हैं.
मुख्य द्वार की सजावट
घर का मुख्य द्वार बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यहीं से घर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है. द्वार को आम के पत्तों का तोरण, फूलों की मालाएं, स्वास्तिक, ॐ तथा शुभ-लाभ लिखकर घर को अच्छे से सजाना चाहिए. द्वार पर रंगोली भी बनाएं, जिसके बीच में स्वास्तिक तथा कमल का फूल हो और साथ ही दीपक जलाएं. दाहिने-बाईं तरफ दो नारियल लाल कपड़े में लपेटकर रखिए.
मंगल कलश
कलश में शुद्ध जल भरकर उसमें सुपारी, दूर्वा, सिक्का और आम या अशोक के आठ पत्तों को रखें और अब इन पत्तों के बीच नारियल रखें. अब कलश व नारियल पर कुमकुम से स्वस्तिक बनाकर कलश को लाल कपड़े से बांधकर सिर पर रखकर घर में प्रवेश करना चाहिए.
दाहिने पैर से प्रवेश
नारियल फोड़ें और ‘ॐ गण गणपतये नमः’ बोलते हुए घर के अंदर सबसे पहले गृहस्वामी तथा गृहणी को एक साथ दाहिना पैर आगे बढ़ाते हुए प्रवेश करना चाहिए. इससे घर में मां लक्ष्मी की कृपा से धन में बढ़ोतरी होती है.
घर में सबसे पहले मंदिर स्थापित करें
घर में कदम रखते ही सबसे पहले कलश को घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में मंदिर में स्थापित कर देना चाहिए. अब इसके बाद इस मंदिर में दीपक जलाएं तथा ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना चाहिए. मंदिर स्थापना के बाद ही गृह प्रवेश पूर्ण माना गया है.
गणेश पूजा, नवग्रह शांति और हवन जरूर करें
गृह प्रवेश के दिन गणेश पूजा,नवग्रह शांति और हवन जरूर करवाना चाहिए. हवन में आम की लकड़ी, घी, हवन सामग्री एवं नवग्रह की आहुतियां जरूर देनी चाहिए. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है साथ ही सभी ग्रह प्रसन्न होते हैं.
रसोई घर में सबसे पहले दूध उबालें
रसोई घर में चूल्हे और भंडारण की जगह में कुमकुम, हल्दी तथा चावल से स्वास्तिक बनाकर और दीपक जलाकर पूजा करने के बाद सबसे पहले दूध उबालना चाहिए. दूध उबालते हुए बाहर गिरे, तो इसे बहुत शुभ होता है. अब इसे गणेश जी को भोग लगाएं फिर सबको प्रसाद बांट बाटना चाहिए. यह परंपरा मां अन्नपूर्णा को घर में आमंत्रित करने के लिए किया जाता है.
गरीब भूखे लोगों को भोजन कराएं
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माना जाता है कि इससे घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है, इसके साथ ही ब्राह्मण को भोजन कराएं और साथ ही किसी गरीब भूखे लोगों को भी भोजन कराएं . इससे हर तरह के दोष दूर होकर घर में सुख-शांति व समृद्धि आती है. गौ माता, कौआ, कुत्ता और चींटी आदि के लिए भी इस बने भोजन से थोड़ा भोजन निकाल कर अलग रख दें.
