Money Astrology: लोगों की कुंडली में ऐसे बनता है धन योग, यूं होती है धनवान लोगों पर धनवर्षा

Dhan Yog In Your Horoscope: ज्योतिष शास्त्र मे ऐसे अनेक योग एवं ग्रहो के संयोजन का उल्लेख किया गया है जिसे कुंडली मे देखकर कहे सकते है जातक सम्पन्न एवं धन धान्य से पूर्ण होगा जिनमे से कुछ परखे हुए सूत्र निम्नवत प्रकार से हैं -

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 13, 2021 8:51 AM

Dhan Yog In Your Horoscope: यदि आपकी कुंडली में धनकारक योग हैं तो योगकारक ग्रहों की दशान्तर्दशाओं में धन की प्राप्ति कराते हैं. यहां हम बात करेंगे कुंडली में बनने वाले धन योगों के बारे में जिनके बनने से जीवन में धन धान्य की कभी कोई कमी नहीं रहती है. ज्योतिष शास्त्र मे ऐसे अनेक योग एवं ग्रहो के संयोजन का उल्लेख किया गया है जिसे कुंडली मे देखकर कहे सकते है जातक सम्पन्न एवं धन धान्य से पूर्ण होगा जिनमे से कुछ परखे हुए सूत्र निम्नवत प्रकार से हैं –

● जन्म पत्रिका मे द्वितीय भाव मे कई ग्रह हो तथा गुरु उच्च राशि के हो तो व्यक्ति अवश्य ही संम्पतिशाली होगा.

● जन्मांक मे यदि लग्नेश, केन्द्र अथवा त्रिकोण मे हो तथा धन भाव का स्वामी शुभ ग्रह होकर उच्च का हो अथवा किसी उच्च ग्रह के साथ हो तो भी जातक सम्पन्न रहेगा.

● जन्म कुंडली मे यदि चतुर्थ भाव के स्वामी नवम भाव मे हो तथा लग्नेश उच्च राशि का होकर एकादश भाव मे हो तथा नवम भाव का स्वामी भी बली होकर द्वितीय भाव मे हो तो जातक अत्यन्त सम्पन्न होगा.

● जन्मांक मे द्वितीय भाव मे चन्द्र , गुरु हो तथा नवम भाव के स्वामी की तीनो पर द्रष्टि हो तो जातक अतुल्य संम्पतिवान होता है.

● किसी भी पत्रिका मे भाग्येश व लाभेश एक साथ द्वितीय, चतुर्थ, पंचम, सप्तम स्थान मे विद्यमान हो तो जातक अवश्य संम्पतिवान रहेगा.

● मीन लग्न की पत्रिका मे मंगल 28° अंश पर एकादश भाव मे विराजमान हो तो जातक अपने बाहुबल से सम्पन्न बनता है अन्तिम समय तक सम्पदा का स्वामी रहता है.

● यदि पंचम भाव मे चन्द्र अपनी ही राशि कर्क मे हो तथा शनि एकादश स्थान मे विद्यमान होकर चन्द्र को द्रष्ट करे तो जातक अत्यधिक सम्पति से युक्त होता है.

● जन्म पत्रिका मे यदि पंचम भाव मे शनि अपनी ही राशि मकर या कुम्भ मे विद्यमान हो तथा एकादश भाव से सूर्य और चंद्र द्रष्टि डाले तो जातक अत्यन्त धन संम्पतिवान होगा.

संजीत कुमार मिश्रा

ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ

8080426594/9545290847

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