Chhath Puja Kosi Samagri List: छठ पूजा कोसी थाली में क्या रखना जरूरी है, जानें पूरी समाग्री लिस्ट और नियम

Chhath Puja Kosi Samagri List: छठ पूजा में कोसी थाली का विशेष महत्व होता है. लेकिन इसमें क्या-क्या सामग्री शामिल की जाती है और किन नियमों का पालन जरूरी है, आइए इस आर्टिकल में जानते हैं.

By JayshreeAnand | October 26, 2025 12:41 PM

Chhath Puja Kosi Samagri List: छठ पूजा में संध्या अर्घ्य के दौरान ‘कोसी’ थाली की विशेष तैयारी की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि कोसी थाली में रखी जाने वाली हर वस्तु का अपना शुभ और पवित्र महत्व होता है. यह थाली सूर्य और छठी मैया को प्रसन्न करने के साथ-साथ परिवार की सुख-समृद्धि की कामना के लिए अर्पित की जाती है.

कोसी थाली में क्या-क्या रखा जाता है? (Samagri List)

  • छठ प्रसाद में सबसे पहले ठेकुआ शामिल होता है, जिसे गेहूं के आटे, गुड़ और घी से बनाया जाता है.
  •  इसके साथ चावल, गुड़, धूप, अगरबत्ती, सिंदूर, हल्दी और गन्ने की पत्तियाँ भी थाली का हिस्सा होती हैं.
  • फलों में केला, अमरूद, सेब, सिंघाड़ा, शकरकंद, मूली और सुथनी (रतालू) प्रमुख रूप से रखे जाते हैं.
  • अर्घ्य के लिए बांस या पीतल का लोटा, पानी से भरा नारियल, पान का पत्ता, सुपारी, लौंग-इलायची, अक्षत (चावल), गंगाजल और दूध भी रखा जाता है.
  • पूजा में कम से कम 12 दीपक जलाए जाते हैं और व्रती के लिए नए वस्त्र रखा जाता है.

कोसी थाली में नए सामान का नियम

शास्त्रों के अनुसार, कोसी के लिए हर साल नई टोकरी का उपयोग करना चाहिए. माना जाता है कि पुरानी या टूटी टोकरी से पूजा का फल कम प्राप्त होता है.

पूजा के महत्वपूर्ण नियम

  • व्रती को सात्विक भोजन अपनाना चाहिए. मांस, मदिरा, लहसुन और प्याज वर्जित माने जाते हैं.
  • पूजा स्थल और प्रसाद बनाने की जगह हमेशा साफ-सुथरी होनी चाहिए.
  • नकारात्मकता, लड़ाई-झगड़ा और बुरे शब्दों से पूरी तरह दूरी रखनी चाहिए.
  • व्रती स्नान के बाद पवित्र और स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा में शामिल होते हैं.

कोसी क्यों भरी जाती है?

छठ पूजा में कोसी भरने का खास धार्मिक और पारंपरिक महत्व है. ऐसा माना जाता है कि कोसी की टोकरी में रखा गया प्रसाद, दीपक और सामग्री सूर्य देव को समर्पित होती है, जिससे परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है. कोशी भरने का अर्थ है व्रत की पूर्णता और सूर्य देव के प्रति आभार व्यक्त करना. इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि कोसी रखने से बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं, और घर में खुशियों का प्रकाश बना रहता है.

छठ पूजा में कोसी कितनी बार भरी जाती है?

कोसी केवल एक बार भरी जाती है — संध्या अर्घ्य के समय.

क्या पुरुष भी कोसी भर सकते हैं?

हाँ, अगर पुरुष व्रत रखते हैं तो वे भी कोसी भर सकते हैं, लेकिन अधिकतर परंपरा में महिलाएँ ही व्रत रखती हैं.

कोसी में रखे 5 गन्ने किसका प्रतीक हैं?

ये पंचतत्व — पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश — का प्रतीक माने जाते हैं.

कोसी में मिट्टी का हाथी क्यों रखा जाता है?

मिट्टी का हाथी शक्ति, स्थिरता और शुभता का प्रतीक है. इसे रखने से परिवार में सुरक्षा और सुख बना रहता है.

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है.