Chardham Darshan: कोरोना संक्रमण को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने लिया बड़ा फैसला, 15 अगस्त तक गंगोत्री धाम के दर्शन पर रोक

Chardham Darshan: चार धामों में से एक गंगोत्री धाम 15 अगस्त तक दर्शन पर रोक लगा दी गई है. अब श्रद्धालु 15 अगस्त तक गंगा के दर्शन नहीं कर सकेंगे. यह जानकारी पुरोहितों ने मंगलवार को जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान को पत्र के माध्यम से दे दी है. पुरोहितों ने कहा है कि राज्य और राज्य से बाहर के कोई भी श्रद्धालु आज बुधवार से 15 अगस्त तक कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए मंदिर में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2020 9:50 AM

Chardham Darshan: चार धामों में से एक गंगोत्री धाम 15 अगस्त तक दर्शन पर रोक लगा दी गई है. अब श्रद्धालु 15 अगस्त तक गंगा के दर्शन नहीं कर सकेंगे. यह जानकारी पुरोहितों ने मंगलवार को जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान को पत्र के माध्यम से दे दी है. पुरोहितों ने कहा है कि राज्य और राज्य से बाहर के कोई भी श्रद्धालु आज बुधवार से 15 अगस्त तक कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए मंदिर में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.

कहा गया कि बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं के लिए यात्रा शुरू होने से स्थिति और विकट हो सकती है. उधर यमुनोत्री धाम में भी तीर्थ पुरोहित सुबह एवं शाम की आरती के लिए ही मंदिर खोल रहे हैं. शेष समय मंदिर बंद रहने से तीर्थयात्री बिना दर्शन और पूजा-अर्चना के लौटने को मजबूर हैं. मंगलवार को गंगोत्री धाम में तीर्थ पुरोहितों, साधु संतों एवं व्यापारियों की बैठक हुई. बैठक में कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच चार धाम यात्रा पर चर्चा की गई. बैठक में सर्वसम्मति से 29 जुलाई से 15 अगस्त तक गंगोत्री धाम के प्रवेश द्वार को बंद कर बाहरी क्षेत्र के सभी श्रद्धालु को मंदिर में प्रवेश पर रोक लगाने का निर्णय लिया.

मंदिर में प्रवेश से रोका, तो कार्रवाई होगी: देवस्थानम बोर्ड

चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने कहा है कि, यदि किसी श्रद्धालु को मंदिर में प्रवेश करने से जबरन रोका गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी. रमन ने कहा कि, पूजा करना लोगों का व्यक्तिगत अधिकार है. मंदिर में किसी के प्रवेश पर रोक लगाने का अधिकार अब किसी के पास नहीं है. हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब मंदिर समिति की प्रबंधन को लेकर कोई भूमिका नहीं है. एसडीएम को पुरोहितों से वार्ता करने को कहा गया है. वर्तमान परिस्थितियों में तीर्थ पुरोहितों और देवस्थानम बोर्ड में टकराव की स्थिति बन गई है.

वार्ता के बाद यमुनोत्री में पंच पंडा समाज के अध्यक्ष वेदप्रकाश उनियाल, मनमोहन उनियाल, रमण प्रसाद, खिलानंद उनियाल आदि ने कहा कि तेजी से बढ़ रहा कोरोना संक्रमण के कारण अमरनाथ एवं कांवड़ यात्रा स्थगित की जा चुकी है. ऐसे में चार धाम यात्रा शुरू करना खतरे से खाली नहीं है. यमुनोत्री में सुबह एवं शाम की आरती के लिए ही मंदिर खोला जाएगा. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के द्वार बंद रहेंगे. तीर्थ पुरोहितों के इस निर्णय से बाहरी क्षेत्रों से धामों की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों ने जुलूस निकालकर किया विरोध

मास्टर प्लान और देवस्थानम बोर्ड के विरोध में तीर्थ पुरोहितों ने जुलूस निकालकर धरना-प्रदर्शन किया. केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला के नेतृत्व में केदारनाथ में मौजूद तीर्थ पुरोहित व व्यापारियों ने मंदिर परिसर से मंदिर मार्ग व पुल तक जुलूस निकाला. मंदिर की परिक्रमा के बाद वह परिसर में धरने पर बैठ गए.

इस मौके पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने प्रदेश सरकार से केदारनाथ में मास्टर प्लान को निरस्त करने और चारधाम यात्रा के लिए गठित देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग की. वक्ताओं ने कहा कि केदारनाथ में मूलभूत सुविधाओं को जुटाने के बजाए कोरोना काल में यात्रा का संचालन किया जा रहा है, जिससे संक्रमण बढ़ने का खतरा बना है. मांगों का निस्तारण होने तक आंदोलन जारी रहेगा.

News posted by : Radheshyam kushwaha

Next Article

Exit mobile version