साल 2025 का पहला ग्रहण कल, जानें समय, सूतक काल और धार्मिक महत्व

Chandra Grahan 2025: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों और नक्षत्रों के साथ-साथ ग्रहण का विशेष महत्व है. विशेष रूप से धार्मिक दृष्टिकोण से ग्रहण को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. यह चंद्र ग्रहण सिंह राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा.

By Shaurya Punj | March 13, 2025 7:02 AM
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Chandra Grahan 2025: इस वर्ष होली के पर्व पर पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण का समय अशुभ माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में ग्रहणों और नक्षत्रों का विशेष महत्व है, और धार्मिक दृष्टिकोण से भी इसे महत्वपूर्ण माना गया है. यह चंद्र ग्रहण सिंह राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा. इस दिन होलिका दहन का आयोजन भी किया जाएगा.

होली के अवसर पर पहले चंद्र ग्रहण का समय

ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, होली के दिन वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण होगा. इस पूर्ण चंद्र ग्रहण की शुरुआत 14 मार्च 2025 को सुबह 10 बजकर 39 मिनट 3 सेकंड पर होगी और यह ग्रहण 2 बजकर 18 मिनट 2 सेकंड पर समाप्त होगा.

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भारत में चंद्र ग्रहण का सूतक काल

भारत में इस चंद्र ग्रहण का दृश्य दर्शन संभव नहीं है, क्योंकि यह ग्रहण मुख्यतः उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, यूरोप, तथा कुछ अन्य देशों में दिखाई देगा. इसलिए, भारत में इसका सूतक काल लागू नहीं होगा. इसका अर्थ यह है कि इस ग्रहण का होली के त्योहार पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा, और आप बिना किसी धार्मिक प्रतिबंध के होली का आनंद ले सकते हैं.

भारत को छोड़कर अन्य देशों में चंद्र ग्रहण का दृश्य होगा

यह चंद्र ग्रहण भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश हिस्सों, यूरोप, अफ्रीका के बड़े भागों, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक महासागर, पूर्वी एशिया और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा. इस स्थिति में, सूतककाल ग्रहण के 12 घंटे पहले से प्रारंभ हो जाएगा.

चंद्र ग्रहण का देश और दुनिया पर प्रभाव

चंद्र ग्रहण के समय राजनीतिक अस्थिरता के संकेत मिल सकते हैं. सरकारों को विभिन्न संकटों का सामना करना पड़ सकता है या नए परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं. यह माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान बाढ़, तूफान, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं उत्पन्न हो सकती हैं. चंद्र ग्रहण का प्रभाव वैश्विक स्तर पर भी महसूस किया जा सकता है. आर्थिक मंदी, युद्ध या अन्य संकट उत्पन्न हो सकते हैं. वैश्विक स्तर पर महामारी, स्वास्थ्य संकट या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ सकती हैं.

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