आज चैत्र नवरात्रि 2025 की अष्टमी तिथि पर इन उपायों से मिलेगा मां दुर्गा का आशीर्वाद

Chaitra Navratri 2025 durga ashtami Upay remedies: नवरात्रि के दौरान देवी मां की पूजा का अत्यधिक महत्व होता है. भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए विभिन्न उपाय अपनाते हैं. श्रीमद्देवीभागवत महापुराण में कुछ विशेष उपायों का उल्लेख किया गया है. इन उपायों को नवरात्रि की नवमी या अष्टमी तिथि पर करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. ऐसा माना जाता है कि इन उपायों के माध्यम से घर में सुख और शांति का वास होता है, साथ ही धन और समृद्धि में भी वृद्धि होती है.

By Shaurya Punj | April 5, 2025 7:29 AM

Chaitra Navratri 2025 Upay: आज चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि है, जिसे महाअष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. यह दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप, मां महागौरी, को समर्पित है. हिंदू धर्म में इस तिथि का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन मां भगवती की विशेष कृपा प्राप्त करने का अवसर मिलता है. मान्यता है कि यदि भक्त सच्चे मन से पूजा-अर्चना करें और कुछ विशेष उपाय अपनाएं, तो मां दुर्गा उनके जीवन को सुख, समृद्धि और सौभाग्य से भर देती हैं. यहां दुर्गा अष्टमी के शुभ मुहूर्त की जानकारी प्राप्त करें.

दुर्गा अष्टमी का शुभ मुहूर्त

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 4 अप्रैल, शुक्रवार को रात 8 बजकर 12 मिनट पर प्रारंभ होगी और 5 अप्रैल, शनिवार को शाम 7 बजकर 26 मिनट तक रहेगी. धार्मिक विद्वानों के अनुसार, 5 अप्रैल, शनिवार को चैत्र नवरात्र की दुर्गा अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा.

कन्या पूजन का महत्व

अष्टमी के अवसर पर 9 कन्याओं का पूजन और उन्हें भोजन कराना अत्यंत शुभ माना जाता है. इन कन्याओं को देवी का रूप मानकर उनकी पूजा की जाती है. उन्हें चना, हलवा और पूड़ी खिलाकर उपहार में कुछ वस्त्र या दक्षिणा देना चाहिए. इससे मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-शांति का वास होता है.

लाल रंग का महत्व

इस दिन पूजा में लाल फूल, लाल चुनरी और लाल वस्त्र का उपयोग करना बहुत शुभ माना जाता है. लाल रंग शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक है, जो मां दुर्गा की आराधना में विशेष महत्व रखता है.

दुर्गा सप्तशती का पाठ

महाअष्टमी के दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से जीवन के सभी संकट समाप्त होते हैं. यदि पूरा पाठ करना संभव न हो, तो अर्गला स्तोत्र या कवच का पाठ भी किया जा सकता है.

जरूरतमंदों को दान

इस दिन वस्त्र, भोजन या धन का दान करना विशेष फलदायी होता है. विशेष रूप से किसी कन्या, ब्राह्मण या निर्धन व्यक्ति को दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है.

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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