Chaiti Chhath Puja 2023: चैती छठ पूजा 25 मार्च से शुरू, जानें नहाए-खाय और खरना की सही तारीख

Chaiti Chhath Puja 2023: छठ महापर्व साल में दो बार मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, एक चैत्र माह और दूसरा कार्तिक मास में चैती छठ पूजा बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के साथ देश के कई हिस्सों में मनाया जाता है.

By Bimla Kumari | March 10, 2023 12:18 PM

Chaiti Chhath Puja 2023: छठ महापर्व का त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, एक चैत्र माह और दूसरा कार्तिक मास में चैती छठ पूजा बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के साथ देश के कई हिस्सों में मनाया जाता है. इस साल यानी की 2023 में चैती छठ पूजा 25 मार्च 2023 को नहाय खाय से शुरू होगी और 28 मार्च 2023 को प्रातः कालीन अर्घ्य और पारण के साथ समाप्त होगी.

Chaiti Chhath Puja 2023 Date

25 मार्च 2023 – शनिवार, नहाय खाय

26 मार्च 2023 – रविवार, खरना

27 मार्च 2023 – सोमवार, संध्या अर्घ्य

28 मार्च 2023 – मंगलवार, सूर्योदय अर्घ्य, पारण

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संतान की कामना और घर-परिवार के सदस्यों के अच्छे स्वास्थ्य, सुख, खुशहाली की कामना करने वाली महिलाओं के लिए यह व्रत उत्तम माना गया है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, छठी मैय्या को भगवान सूर्य की बहन माना जाता है. मान्यता है कि छठ महापर्व में छठी मैय्या व भगवान सूर्य की पूजा करने से छठी मैय्या अत्यंत प्रसन्न होती हैं. इस व्रत के पुण्य के प्रभाव से घर में सुख-शांति व खुशहाली आती है.

Chaiti Chhath 2023 Nahay Khay

इस साल चैती छठ का नहाय खाय 25 मार्च 2023 दिन शनिवार को है. इस दिन सम्पूर्ण स्वच्छता का ध्यान रखते हुए छठ पूजा के लिए गेहूं और चावल को धोकर सुखाया जाता है. इस दिन कद्दू भात को प्रसाद के रूप में खाया जाता है.

Chaiti Chhath 2023: खरना पूजा

इस साल चैती छठ खरना 26 मार्च 2023 दिन रविवार को है. इस दिन छठ व्रती पूरा दिन नर्जला व्रत रखती हैं. संध्या के समय आम और अन्य लकड़ी के जलावन का इस्तेमाल करके चूल्हे पर गुड़ की खीर बनायीं जाती है. इसे प्रसाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, लोगों में बांटा जाता है.

Chaiti Chath 2023 Arghya Date and Time

चैती छठ का संध्या अर्घ्य 27 मार्च 2023 दिन सोमवार को पड़ रहा है, इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और 28 मार्च उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसके पश्चात छठ व्रती पारण करती हैं जिसके बाद छठ महापर्व संपन्न होता है.

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