आज है एकादशी व्रत, जानें आज के पंचांग में शुभ मुहूर्त, अशुभ समय और आरती…

Aaj Ka Panchang : आज अधिक आश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी दिन 10 बजकर 04 मिनट के उपरांत द्वादशी हो जाएगी. आइये जानते हैं ज्योतिर्विद दैवज्ञ डॉ श्रीपति त्रिपाठी से आज 13 अक्टूबर के पंचांग के जरिए आज की तिथि का हर एक शुभ मुहूर्त व अशुभ समय और आरती...

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2020 8:46 AM

Aaj Ka Panchang : आज अधिक आश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी दिन 10 बजकर 04 मिनट के उपरांत द्वादशी हो जाएगी. आइये जानते हैं ज्योतिर्विद दैवज्ञ डॉ श्रीपति त्रिपाठी से आज 13 अक्टूबर के पंचांग के जरिए आज की तिथि का हर एक शुभ मुहूर्त व अशुभ समय और आरती…

13 अक्टूबर मंगलवार

अधिक आश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी दिन 10 बजकर 04 मिनट के उपरांत द्वादशी हो जाएगी

श्री शुभ संवत -2077, शाके- 1942, हिजरी सन- 1441-42

सूर्योदय-06:14

सूर्यास्त -05:46

सूर्योदय कालीन नक्षत्र- मघा उपरांत उत्तराफाल्गुन, शुभ -योग, वा -करण

सूर्योदय कालीन ग्रह विचार -सूर्य- कन्या, चंद्रमा- सिंह, मंगल -मीन, बुध- तुला, गुरु- धनु, शुक्र- सिंह, शनि – धनु, राहु-वृष, केतु- वृश्चिक

चौघड़िया

सुबह 06.01 से 7.30 बजे तक रोग

सुबह 07.31 से 9.00 बजे तक उद्वेग

सुबह 09.01 से 10.30 बजे तक चर

सुबह 10.31 से 12.00 बजे तक लाभ

दोपहर 12.01 से 1.30 बजे तकअमृत

दोपहर 01.31 से 03.00 बजे तक काल

दोपहर 03.01 से 04.30 बजे तक शुभ

शाम 04.31 से 06.00 बजे तक रोग

उपाय

बड़े बुजुर्गों, ब्रह्मणों, गुरूओं का आशीर्वाद लेंआराधनाः भगवान शिव की आराधना करें।

राहुकाल 3 से 4:30 बजे तक।

दिशाशूल-वायब्य एवं उत्तर

।।अथ राशि फलम्।।

एकादशी आरती

ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता।

विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।।ॐ।।

मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।

शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई।। ॐ।।

तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी।

गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी ।।ॐ।।

पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है।

शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै ।। ॐ ।।

नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै।

शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै ।। ॐ ।।

विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी।

पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की ।। ॐ ।।

चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली।

नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली ।। ॐ ।।

शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी।

नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी।। ॐ ।।

योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।

देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी ।। ॐ ।।

कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।

श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए।। ॐ ।।

अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।

इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला।। ॐ ।।

पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।

रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी ।। ॐ ।।

देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।

पावन मास में करूं विनती पार करो नैया ।। ॐ ।।

परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।

शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी ।। ॐ ।।

जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।

जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै।। ॐ ।।

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