Santoshi Mata Ki Aarti: शुक्रवार को इस आरती से प्रसन्न होंगी देवी संतोषी माता,पूजा के दौरान पढ़ें ये आरती

Santoshi Mata Ki Aarti: शुक्रवार के दिन आदिशक्ति माता के विभिन्न रूपों की पूजा उपासना की जाती है. अगर संतोषी माता को प्रसन्न कर दिया जाए तो आपके परिवार को सुख शांति का वरदान प्राप्त होता है और मन की सभी मनोकामना भी पूरी होती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 4, 2022 5:38 AM

हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन देवी मां की उपासना को समर्पित है. कहते हैं कि शुक्रवार के दिन मां दुर्गा, मां संतोषी, मां लक्ष्मी और सभी देवियों को समर्पित है. इस दिन आदिशक्ति माता के विभिन्न रूपों की पूजा उपासना की जाती है. अगर संतोषी माता को प्रसन्न कर दिया जाए तो आपके परिवार को सुख शांति का वरदान प्राप्त होता है और मन की सभी मनोकामना भी पूरी होती है. कहा जाता है कि अगर शुक्रवार के दिन मां संतोषी की पूजा की जाए तो दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है .

सुन्दर चीर सुनहरी,

मां धारण कीन्हो ।

हीरा पन्ना दमके,

तन श्रृंगार लीन्हो ॥

जय सन्तोषी माता,

मैया जय सन्तोषी माता ॥

गेरू लाल छटा छबि,

बदन कमल सोहे ।

मंद हंसत करुणामयी,

त्रिभुवन जन मोहे ॥

जय सन्तोषी माता,

मैया जय सन्तोषी माता ॥

स्वर्ण सिंहासन बैठी,

चंवर दुरे प्यारे ।

धूप, दीप, मधु, मेवा,

भोज धरे न्यारे ॥

जय सन्तोषी माता,

मैया जय सन्तोषी माता ॥

गुड़ अरु चना परम प्रिय,

तामें संतोष कियो ।

संतोषी कहलाई,

भक्तन वैभव दियो ॥

जय सन्तोषी माता,

मैया जय सन्तोषी माता ॥

शुक्रवार प्रिय मानत,

आज दिवस सोही ।

भक्त मंडली छाई,

कथा सुनत मोही ॥

जय सन्तोषी माता,

मैया जय सन्तोषी माता ॥

मंदिर जग मग ज्योति,

मंगल ध्वनि छाई ।

विनय करें हम सेवक,

चरनन सिर नाई ॥

जय सन्तोषी माता,

मैया जय सन्तोषी माता ॥

भक्ति भावमय पूजा,

अंगीकृत कीजै ।

जो मन बसे हमारे,

इच्छित फल दीजै ॥

जय सन्तोषी माता,

मैया जय सन्तोषी माता ॥

दुखी दारिद्री रोगी,

संकट मुक्त किए ।

बहु धन धान्य भरे घर,

सुख सौभाग्य दिए ॥

जय सन्तोषी माता,

मैया जय सन्तोषी माता ॥

ध्यान धरे जो तेरा,

वांछित फल पायो ।

पूजा कथा श्रवण कर,

घर आनन्द आयो ॥

जय सन्तोषी माता,

मैया जय सन्तोषी माता ॥

चरण गहे की लज्जा,

रखियो जगदम्बे ।

संकट तू ही निवारे,

दयामयी अम्बे ॥

जय सन्तोषी माता,

मैया जय सन्तोषी माता ॥

सन्तोषी माता की आरती,

जो कोई जन गावे ।

रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति,

जी भर के पावे ॥

जय सन्तोषी माता,

मैया जय सन्तोषी माता ।

अपने सेवक जन की,

सुख सम्पति दाता ॥

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