उन्नति दिलाने में गुरु का होता है विशेष योगदान

रांची : मंगलवार को प्रभात खबर कार्यालय में ऑनलाइन ज्योतिष काउंसलिंग का आयोजन किया गया. ज्योतिषी शांतनू चटर्जी ने पाठकों के सवालों के जवाब दिये. उन्होंने कहा कि व्यक्ति को यह बात मन में बैठा लेनी चाहिए कि वह स्वयं का सबसे बड़ा मित्र व सबसे बड़ा शत्रु है. भविष्य में किसी भी प्रकार के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 5, 2014 1:15 PM

रांची : मंगलवार को प्रभात खबर कार्यालय में ऑनलाइन ज्योतिष काउंसलिंग का आयोजन किया गया. ज्योतिषी शांतनू चटर्जी ने पाठकों के सवालों के जवाब दिये. उन्होंने कहा कि व्यक्ति को यह बात मन में बैठा लेनी चाहिए कि वह स्वयं का सबसे बड़ा मित्र व सबसे बड़ा शत्रु है.

भविष्य में किसी भी प्रकार के निर्णय लेने के लिए व्यक्ति को स्वयं के करीब होना अति आवश्यक है. व्यक्ति स्वयं के जितना करीब रहेगा, वह उतना ही अपने-आप को सही तरीके से जान पायेगा. तब उसका लिया गया निर्णय उसे सफलता की ओर ले जायेगा. उन्होंने बताया कि उन्नति दिलाने में गुरु का विशेष योगदान होता है. गुरु यदि उच्च स्थान में है, तो व्यक्ति आत्मविश्वास से परिपूर्ण होता है और इस स्थिति में सही निर्णय ले पाता है. कर्म (पितृ) स्थान में शनि के दृष्टि होने से व्यक्ति इच्छानुसार अपना कैरियर बना पाता है, लेकिन शनि और गुरु शत्रु ग्रह भी हैं.

इन दोनों ग्रहों को संतुष्ट करने के लिए व्यक्ति को अनुष्ठान और पूजा करना चाहिए. नवग्रह स्तोत्र का पाठ करने से साधारण व्यक्तियों को अपने कैरियर के लिए शुभ फल सहज ही प्राप्त होता है.

कन्या के विवाह विषय पर उन्होंने बताया कि कन्या का विवाह करानेवाले देवता वृहस्पति हैं. वृहस्पति उग्र तारा के उपासक हैं. कन्याओं के विवाह में आनेवाली बाधा दूर करने के लिए वृहस्पति को संतुष्ट करना आवश्यक हैं. कन्या विवाह बाधा दूर करने के लिए दस महा विद्याओं में मातंगी महाविद्या का तंत्र योग भी पूर्ण फल देता है.

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