मकर संक्रांति के फूड सीक्रेट्स , जानें कुछ खास बातें

मकर संक्रांति मूलतः नहाने और खाने का त्योहार है, और उसमें भी इस रोज तिल खाना सबसे जरूरी होता है. यही वजह है कि मकर संक्रांति का एक और नाम तिल संक्रांति भी है. तिल, तिलकुट और तिल की बनी दूसरी मिठाइयों के साथ हम मकर संक्रांति के दिन खास कर खिचड़ी और चूड़ा दही […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 15, 2019 9:24 AM

मकर संक्रांति मूलतः नहाने और खाने का त्योहार है, और उसमें भी इस रोज तिल खाना सबसे जरूरी होता है. यही वजह है कि मकर संक्रांति का एक और नाम तिल संक्रांति भी है. तिल, तिलकुट और तिल की बनी दूसरी मिठाइयों के साथ हम मकर संक्रांति के दिन खास कर खिचड़ी और चूड़ा दही भी खाते हैं. कई घरों में गुड़ से बनने वाली चूड़ा, मूढ़ी और तिल की लाइयां भी बनती हैं. कुल मिलाकर इस रोज हम तिल, गुड़, नया अन्न जैसे चूड़ा, दही, उड़द या मूंग की दाल वाली खिचड़ी और मटर गोभी आदि सब्जियों का सेवन करते हैं. ये सब हम ऐसे ही नहीं खाते हैं. परंपरा में अगर इन खाद्य पदार्थों को खाने की बात है तो उसकी कुछ खास वजहें भी हैं. तो आइये जानते हैं मकर संक्रांति के फूड सीक्रेट.

शरीर पर न पड़े मौसम का प्रभाव
मकर संक्रांति मौसम के बदलाव का पर्व है. इस दिन सूर्य की किरणें मकर रेखा से वापस कर्क रेखा की तरफ लौटने लगती हैं. इसे ठंड के कम होने और गर्मी के बढ़ने का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में हमारे समाज ने परंपरा से गर्म चीजें खाने की आदत डाल ली है. ताकि बदलते मौसम का प्रभाव शरीर पर न पड़े. पूरे देश में इस मौके पर अलग-अलग पर्व मनाये जाते हैं, मगर सभी पर्वों में गुड़ और तिल जैसी गर्म चीजें खाने की परंपरा है. शीतकाल सूक्ष्मजीवों के संक्रमण का काल होता है और बसंत के आते-आते इनमें कमी तो आ जाती है लेकिन मकर संक्रांति के दौरान तिल और गुड़ जैसे पदार्थों के सेवन से शरीर को गरमाहट मिलती है जो सूक्ष्मजीवों को जड़ से उखाड़ फेंकने में सक्षम होते हैं.

सर्दी दूर भगाती है तिल की फांकी
हर्बल जानकारों के अनुसार तिल में खून से शर्करा कम करने का गुण है. मकर संक्रांति के दौरान तिल और गुड़ के पाक का मिश्रण शरीर में गर्मी प्रदान करता है. ग्रामीण इलाकों में काले तिल का इस्तमाल सर्दी को दूर भगाने के लिए किया जाता रहा है. काले तिल की एक चम्मच की फांकी लेने से सर्दी दूर भाग जाता है.

पोषक तत्वों से भरपूर है खिचड़ी
खिचड़ी कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, कैल्शियम, फाइबर्स, मैग्नीशियम, पोटैशियम और फॉस्फोरस के गुणों से भरपूर होती है. आप चाहें तो इसमें विभिन्न प्रकार की सब्ज‍ियां मिलाकर इसके पोषक गुणों को और बढ़ा सकते हैं. ये आसानी से पच जाती है. खिचड़ी के नियमित सेवन से वात, पित्त और कफ का दोष दूर हो जाता है.

दूध से अधिक कैल्शियम दही में
दही में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन पाया जाता है. दूध के मुकाबले दही सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है. इसमें दूध की अपेक्षा ज्यादा मात्रा में कैल्शियम होता है. इसके अलावा दही में प्रोटीन, लैक्टोज, आयरन, फास्फोरस पाया जाता है. दही हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है, इससे दांत भी मजबूत होते हैं. यह पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है.

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