विदेश में छठ : दोहा-कतर की छतों पर गूंजते छठ के गीत

छठ पूजा अब केवल बिहार, झारखंड व पूर्वी उत्तर प्रदेश का ही पर्व नहीं रह गया है, बल्कि इन प्रदेशों के लोग जहां-जहां गये, वहां इसका फैलाव होता गया. अब तो पूरी दुनिया में लोग छठ पर्व मनाते हैं. गल्फ देशों के साथ सिंगापुर, अमेरिका व मॉरीशस समेत कई देशों में भी लोग छठ पर्व […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 11, 2018 7:11 AM
छठ पूजा अब केवल बिहार, झारखंड व पूर्वी उत्तर प्रदेश का ही पर्व नहीं रह गया है, बल्कि इन प्रदेशों के लोग जहां-जहां गये, वहां इसका फैलाव होता गया. अब तो पूरी दुनिया में लोग छठ पर्व मनाते हैं. गल्फ देशों के साथ सिंगापुर, अमेरिका व मॉरीशस समेत कई देशों में भी लोग छठ पर्व मनाते हैं. बिहार के अंबिका नगर, मोतिहारी के अनिल कुमार दोहा-कतर में कतर एयरवेज में एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर हैं. अनिल कहते हैं, नौकरी की व्यस्तता के कारण पिछले दो साल से मैं परिवार के साथ छठ पूजा के अवसर घर नहीं जा पा रहा हूं.
लेकिन, कतर में ही रहनेवाले भारतीय खासकर बिहार और यूपी से आनेवाले लोगों के साथ हम इस पर्व को उल्लास व श्रद्धा के साथ मनाते हैं. पर्व के दिन हमलोग घर की छत पर ही व्रती के लिए सारी व्यवस्था करते हैं. अनिल की पत्नी कुमारी जया इस पर्व के दौरान व्रत रखती हैं. जया कहती हैं, छठ के मौके पर गांव की याद काफी आती है. गांव के लोगों में एक साथ समूह बना कर छठ घाट पर जाने का उत्साह ही कुछ अलग होता है. लेकिन, अब धीरे-धीरे कतर में भी भारतीय मूल के लोग जो छुट्टी के कारण गांव नहीं जा पाते हैं, यहीं उल्लास के साथ छठ पर्व मनाते हैं. कतर के कई मुहल्लों में इस पर्व पर लोग अपने घरों की छत पर ही मित्रों के साथ जुट कर अपनी यादों को जीवंत करते हैं.
दोहा-कतर में नाॅर्थ इंडियन एसोसिएशन से संबंध रखनेवाले
अनिल कहते हैं कि इस मौके पर एसोसिएशन के सभी सदस्य जुटते हैं और पर्व को उल्लास के साथ मनाते हैं. नालंदा के पिंटू कुमार निराला व यूपी के संदीप कुमार भी कतर में ही नौकरी करते हैं. इस बार छुट्टी नहीं मिलने के कारण दोनों घर नहीं आ रहे हैं. पिंटू कहते हैं, छठ पर घर नहीं जाने की कसक तो है. लेकिन, यहां कई मित्रों के घर में छठ पूजा होती है. वहीं हमलोग श्रद्धा भक्ति के साथ इस पर्व का आनंद उठायेंगे.

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