ब्रिटेन व झारखंड के व्यापारिक रिश्ते मजबूत होंगे:स्कॉट वुड

जमशेदपुर : ब्रिटेन और झारखंड में व्यापारिक रिश्ते को और मजबूत बनाने की जरूरत है. ब्रिटेन के आर्थिक हालात काफी बेहतर हैं और यूरोपीय देश में निवेश करने का अब अवसर आ चुका है. उक्त बातें ब्रिटिश उप उच्चायुक्त (डिप्टी हाइ-कमिश्नर) स्कॉट फर्सडन वूड ने कही. श्री वूड ने बुधवार को जमशेदपुर के दौरे के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 4, 2014 8:04 AM

जमशेदपुर : ब्रिटेन और झारखंड में व्यापारिक रिश्ते को और मजबूत बनाने की जरूरत है. ब्रिटेन के आर्थिक हालात काफी बेहतर हैं और यूरोपीय देश में निवेश करने का अब अवसर आ चुका है. उक्त बातें ब्रिटिश उप उच्चायुक्त (डिप्टी हाइ-कमिश्नर) स्कॉट फर्सडन वूड ने कही. श्री वूड ने बुधवार को जमशेदपुर के दौरे के क्रम में बिष्टुपुर स्थित एक होटल में प्रभात खबर के साथ आर्थिक हालात और निवेश के बारे में विस्तार से बातचीत की.

* जमशेदपुर के दौरे का उद्देश्य क्या है और आगे की क्या योजना है ?

यह मेरा झारखंड का पहला दौरा है. आने वाले दिनों में हम झारखंड के शासन तंत्र से जुड़े लोगों के साथ मुलाकात करेंगे. झारखंड के उद्यमियों और व्यापारियों के साथ भी मुलाकात करेंगे ताकि निवेश के रास्ते खुल सके और ब्रिटेन और यहां निवेशक एक दूसरे के यहां निवेश कर सके. इसके लिए हर स्तर पर वार्ता की जरूरत है.

– किन क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने की योजना पर काम चल रहा है ?

जमशेदपुर में टाटा स्टील, टीआरएफ समेत कई कंपनियां निवेश कर चुकी हैं. हम चाहते हैं कि निवेश का विस्तार हो. और कंपनियां आगे बढ़े. खास तौर पर रिसर्च एंड डेवलपमेंट की दिशा में झारखंड की कई कंपनियों के साथ मिलकर ब्रिटेन की सरकार निवेश करना चाहती है. हमारी सोच यह है कि ब्रिटेन में यहां के उद्यमियों, व्यवसायियों और निवेशकों को बेहतर मौका प्रदान किया जाये, जिससे यहां की कंपनियों को भी बेहतर मौका मिले और ब्रिटेन में भी निवेश बढ़े.

* आर्थिक मंदी के कारण काफी मुश्किल भरे हालात थे, अभी हालात क्या हैं ?

अब हालात सुधरे हैं. निवेश का माहौल बना है. हम लोगों की कोशिश है कि वहां निवेश को बढ़ावा दिया जाये और वहां के बदले हालात से दुनिया को अवगत कराया जाये.

* टाटा ग्रुप के अलावा कोई कंपनियां हैं, जो निवेश करने को इच्छुक हों ?

टाटा ग्रुप के अलावा कई कंपनियां हैं, जो निवेश करना चाहती हैं. खास तौर पर स्मॉल और मीडियम स्केल की इंडस्ट्रीज को यूरोप से जोड़ कर उनको तकनीकी सहायता देकर वहां निवेश करने के लिए हम लोग अवसर प्रदान करना चाहते हैं, ताकि दोनों देशों का आर्थिक विकास हो.

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