बंद कमरे का संयुक्त राष्ट्र

आलोक पुराणिक वरिष्ठ व्यंग्यकार puranika@gmail.com देवरानी ने कहा जेठानी से चल ससुरजी के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दें- बहुत परेशान करते हैं ससुरजी. जेठानी ने समझाया- ना छोटी, ऐसे खुलेआम उनकी बुराई करेंगे, तो आफत हो जायेगी. ससुरजी ने रकम लगायी है मेरे हजबैंड के प्लांट में. ससुरजी तो माल बिकवा रहे हैं, इनकी फैक्ट्री […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 19, 2019 1:37 AM
आलोक पुराणिक
वरिष्ठ व्यंग्यकार
puranika@gmail.com
देवरानी ने कहा जेठानी से चल ससुरजी के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दें- बहुत परेशान करते हैं ससुरजी. जेठानी ने समझाया- ना छोटी, ऐसे खुलेआम उनकी बुराई करेंगे, तो आफत हो जायेगी. ससुरजी ने रकम लगायी है मेरे हजबैंड के प्लांट में. ससुरजी तो माल बिकवा रहे हैं, इनकी फैक्ट्री का. देख खुलेआम ना करेंगे ससुरजी की बुराई. देवरानी बोली- मैं बुरी तरह जल रही हूं. मैंने अगर उनकी बुराई ना की, तो मैं भस्म हो जाऊंगी.
जेठानी ने मजबूरी के स्वर में कहा- तू बात ना समझ रही है. हमारी कंपनियों की सेल भी ससुरजी बढ़वा रहे हैं. देख देवरानी, मैं तेरे ही साथ हूं, पर मेरे इनका कारोबार भी तो है. एक काम कर, तू बहुत जल रही है, तो बंद कमरे में ऐसी खुस-पुस कर लेते हैं कि तेरे मन की भी रह जाये और ससुरजी को कुछ सुनायी भी ना पड़े. चल बंद कमरे में उनकी बुराई करें.
देवरानी क्या करती, सहमत हो गयी. बंद कमरे में देवरानी और जेठानी ने घणी बुराई कर मारी. पर जेठानी फिर ससुरजी का आशीर्वाद मांग रही है- कंपनी की सेल बढ़वा दो प्लीज.
संयुक्त राष्ट्र में भी इन दिनों सास-बहू सीरियल टाइप माहौल हो लिया है. जेठानी चीन और देवरानी पाकिस्तान के साथ ससुरजी भारत की बुराई बंद कमरे में कर रही हैं. इसे बंद कमरा चर्चा कहा जा रहा है. खुलेआम ससुरजी को जेठानी भी नाराज ना कर पा रही है. भारत में दस स्मार्टफोनों में आठ स्मार्टफोन चीनी कंपनियों के बिक रहे हैं. खुल कर काम-धंधा कर लो, या खुल कर तलवार भांज लो. लेकिन, अब पाकिस्तान के पास न धंधा है, न धंधे की चिंता है.
पाकिस्तान कुछ ऐसा चाहता है कि उसे कहने भर को हो जाये कि संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर के मसले पर चर्चा हुई.बंद कमरे में चोरी, बदचलनी होने के उदाहरण तो दिखे हैं, अब कश्मीर चर्चा भी बंद कमरे में जुड़ गयी. एक भारतीय डिप्लोमेट ने दोस्ताना सुझाव दिया पाकिस्तान को कि- यूं करें, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की प्रतिनिधि मलीहा लोधी अपने पाकिस्तानी ड्राइवर के साथ कार में आयें, कार संयुक्त राष्ट्र के दफ्तर के बाहर खड़ी रहे और मलीहा लोधी अपने ड्राइवर को कहें- कश्मीर हमारा है.
बाद में पाकिस्तान घोषणा कर दे- संयुक्त राष्ट्र में चर्चा- पाकिस्तान कश्मीर का है. चर्चा ही करनी है, तो बंद कमरे में करवा लो, संयुक्त राष्ट्र के दफ्तर के बाहर खड़ी कार में करवा लो. संयुक्त राष्ट्र की कैंटीन में दो पाकिस्तानी नागरिक अगर कश्मीर-कश्मीर बोल दें और बाद में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दें, तो हो गयी संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर पर व्यापक चर्चा.
पाकिस्तान कुछ भी कर सकता है. चीन के अलावा पाकिस्तान के साथ इस वक्त कोई नहीं है. पाकिस्तान में चीन अपना भविष्य यूं देख रहा है कि एक दिन पाकिस्तान को चीन होना है. चीन से इतनी उधारी खा चुका है पाकिस्तान कि चुका न पायेगा, तो चीन सूदखोर पठान की तरह बचे-खुचे पाक पर कब्जा करेगा. फिर इमरान खान कह सकते हैं कि एक पठान दूसरे पठान का स्वागत करता है.

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