बहकावे में नहीं आयेगा देश
एक कहावत है, हाथी के दांत खाने के और, दिखाने के और होते हैं. अभी सऊदी अरब के राजकुमार ने इसे सिद्ध किया है. जब भी कोई अमेरिकी प्रतिनिधि दक्षिण एशिया के दौरे पर आता है, तो भारत और पाकिस्तान में अवश्य ही जाता है. जब भारत में होता है, तो भारत का मित्र होने […]
एक कहावत है, हाथी के दांत खाने के और, दिखाने के और होते हैं. अभी सऊदी अरब के राजकुमार ने इसे सिद्ध किया है. जब भी कोई अमेरिकी प्रतिनिधि दक्षिण एशिया के दौरे पर आता है, तो भारत और पाकिस्तान में अवश्य ही जाता है. जब भारत में होता है, तो भारत का मित्र होने का दम भरता है और जैसे ही पाकिस्तान जाता है, तो भारत के लिए बिल्कुल उलट तेवर का प्रयोग करता है. अमेरिका भारत हित की बात करता है, लेकिन पाकिस्तान को लगातार आर्थिक मदद भी करता आ रहा है.
सऊदी अरब भारत को बड़ी मात्रा में कच्चा तेल बेचता है. इसलिए उसके लिए भारत महत्वपूर्ण है. वहीं, पाकिस्तान आज इस्लामिक प्रभाव बढ़ाने का सबसे बड़ा मंच बना हुआ है. इसलिए वह पाकिस्तान को अपना मित्र कहता है. भारत यह बात अच्छी तरह समझ सकता है कि मित्र राष्ट्र भी अपने हित को ही सबसे ऊपर रखते हैं. ऐसे में भारत बहकावे में आकर युद्ध नहीं छेड़ सकता है.
सतप्रकाश सनोठिया, दिल्ली