ब्राजील के बहाने

आखिरकार दूसरे दौर के मतदान के बाद ब्राजील वासियों ने अपना नया राष्ट्रपति चुन लिया. 63 वर्षीय सेना के पूर्व कप्तान बोलसोनारो को 55 प्रतिशत, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी वामपंथी नेता फर्नांडो हद्दाद को सिर्फ 45 प्रतिशत मत मिले. नये राष्ट्रपति की तुलना डोनाल्ड ट्रंप से की जाती है, क्योंकि दोनों दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी हैं. दोनों के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 30, 2018 7:11 AM

आखिरकार दूसरे दौर के मतदान के बाद ब्राजील वासियों ने अपना नया राष्ट्रपति चुन लिया. 63 वर्षीय सेना के पूर्व कप्तान बोलसोनारो को 55 प्रतिशत, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी वामपंथी नेता फर्नांडो हद्दाद को सिर्फ 45 प्रतिशत मत मिले. नये राष्ट्रपति की तुलना डोनाल्ड ट्रंप से की जाती है, क्योंकि दोनों दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी हैं. दोनों के विचार उग्र हैं.

दोनों ने मतदाताओं से बड़े-बड़े वादे किये हैं. भ्रष्टाचार और बेरोजगारी को कम करने तथा देश को दुनिया का श्रेष्ठ राष्ट्र बनाने का सपना दिखाया गया है. क्या ये सपने पूरे होंगे? कहा जा रहा है कि विचारधारा एक होने के कारण दोनों देशो में खूब पटेगी, मगर इसकी संभावना क्षीण है.

बामपंथी, मध्यमार्गी और समाजवादी सरकारों के बीच समानता के आधार पर दोस्ती हो सकती है, मगर दक्षिणपंथियों में ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि राष्ट्रवाद में अपने राष्ट्र को श्रेष्ठ और दूसरे को नीचा दिखाया जाता है. जब ट्रंप राष्ट्रपति चुने गये थे, तो भारत के राष्ट्रवादियों ने उनके चित्र की पूजा की थी, मगर आज क्या हो रहा है? संरक्षणवाद के तहत हमारी आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त कर लगा दिया गया. गणतंत्र दिवस, 2019 के लिए ट्रंप ने हमारे आमंत्रण को ठुकरा दिया.

– जंग बहादुर सिंह, जमशेदपुर

Next Article

Exit mobile version