नियंत्रण है, मगर विकास नहीं !

मोदी सरकार के नोटबंदी के बाद आधार से लिंक, डिजिटल लेन-देन और जीएसटी से निश्चय ही काले धन और फर्जीवाड़े ​पर लगाम लगी है और इससे सरकार की आय में भी ​खूब बढ़ी है, मगर देश में भयंकर बेरोजगारी, गरीबी, बढ़ती बेकाबू जनसंख्या, प्रदूषण, जाम- हादसे, सड़कों और सरकारी जमीनों पर तूफानी अतिक्रमण, सीलिंग, बढ़ते […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 21, 2018 5:44 AM

मोदी सरकार के नोटबंदी के बाद आधार से लिंक, डिजिटल लेन-देन और जीएसटी से निश्चय ही काले धन और फर्जीवाड़े ​पर लगाम लगी है और इससे सरकार की आय में भी ​खूब बढ़ी है, मगर देश में भयंकर बेरोजगारी, गरीबी, बढ़ती बेकाबू जनसंख्या, प्रदूषण, जाम- हादसे, सड़कों और सरकारी जमीनों पर तूफानी अतिक्रमण, सीलिंग, बढ़ते जुर्म आदि की बड़ी समस्याएं यूं ही मुहं खोले सरेआम खड़ी हैं.

इतनी बड़ी आय और जनशक्ति के बाद भी सरकार कुछ कर नहीं पा रही है, यह कितने दुर्भाग्य और दुख की बात है. इससे जनता में राजनीतिक कार्यकर्ताओं और पंचायत से लेकर संसद तक के जनप्रतिनिधियों के प्रति घोर हताशा और निराशा है. लोग तमाम आर्थिक बदलावों और सुधारों के साथ-साथ इन मुद्दो पर भी शासन से बेहतरी और प्रगति की उम्मीद करते हैं.

वेद मामूरपुर, इमेल से

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