कुछ खोकर कुछ पाना

मुकुल श्रीवास्तव टिप्पणीकार कभी-कभी लिखना कितना कुछ मुश्किल हो जाता है. अब मुझे ही देखिए, कई दिन से इस लेख के लिए विषय तलाश रहा हूं, पर कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है. कभी-कभी ऐसा होता है कि विचारों की भरमार होती है, पर उस वक्त मैं उनको उतनी तवज्जो नहीं देता और […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 16, 2018 5:29 AM

मुकुल श्रीवास्तव

टिप्पणीकार

कभी-कभी लिखना कितना कुछ मुश्किल हो जाता है. अब मुझे ही देखिए, कई दिन से इस लेख के लिए विषय तलाश रहा हूं, पर कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है. कभी-कभी ऐसा होता है कि विचारों की भरमार होती है, पर उस वक्त मैं उनको उतनी तवज्जो नहीं देता और फिर वे उड़ जाते हैं, फिर कभी न आने के लिए. आज मुझे उनकी जरूरत है, पर अब मैं उनको खो चुका हूं, शायद याद करना इसी को कहते हैं.

खोने और पाने की इसी उधेड़बुन में मुझे समझ में आया कि जिंदगी में पाने से ज्यादा खोना जरूरी है, क्योंकि तब आप अपने आसपास की चीजों की ज्यादा कद्र करते हैं. जीवन में कुछ चीजों की कमी हो, तो उनके प्रति हमारी ललक बनी रहती है. बचपने में मुझे कहानियां पढ़ने का बड़ा शौक था, वह भी परियों वाली. मैं भी चाहता था कि काश कोई परी मेरे जीवन में भी हो, जो मेरी सारी परेशानियों को दूर कर दे.

जब बड़ा हुआ, तो यह समझ में आया कि परी जैसी कोई चीज तो होती ही नहीं. अगर कोई परी मेरे जीवन में आ गयी होती, तो शायद जिस परी को पाने की चाह मेरे मन में है, वह खत्म हो गयी होती. अब सोचिए, जिंदगी के किसी मोड़ पर अगर मुझे कोई परी सचमुच मिल जायेगी, तो मुझे कितनी खुशी मिलेगी, पर उस खुशी को महसूस करने के लिए मुझे उसकी कमी का एहसास होना भी जरूरी है.

खुशी की पहचान वही कर सकता है, जिसने दुख झेला हो.

जिंदगी की कद्र वही कर सकता है, जिसने मौत को महसूस किया हो. किसी को पाने के एहसास को वही समझ सकता है, जिसने जिंदगी में किसी को खोया हो. रोना उतना ही जरूरी है, जितना जरूरी है हंसना जीने के लिए. कहना उतना ही जरूरी है, जितना जरूरी है खामोश रहना. चलना उतना ही जरूरी है, जितना जरूरी है गुमशुदा राहों पर रुककर इंतजार करना.

…मैं जरूरी हूं खुद के लिए, उससे ज्यादा जितना जरूरी हैं आप सब मेरे लिए. तो असल में जिंदगी की वे चीजें जो आपके लिए परेशानियों का कारण बनती हैं, वे असल में वही चीजें हैं, जिनसे रूबरू होकर आप जिंदगी का असली लुत्फ उठा सकते हैं.

छुट्टियों का मजा तो तभी है, जब आप व्यस्त हों. अगर आप खाली हैं, तो रोज ही छुट्टी है. पर, क्या आप उन दिनों को एन्जॉय कर पायेंगे? नहीं कर पायेंगे, क्योंकि आपके पास कोई काम नहीं है. अगर आपके साथ बहुत बुरा हो रहा है, तो अच्छा भी होगा भरोसा रखिए. ऐसा हमारी आपकी सबकी जिंदगी में होता है. जिंदगी पाने का नाम नहीं, बल्कि खोने का नाम है.

जहाज सबसे सुरक्षित पानी के किनारे होता है, लेकिन उसे तो समुद्र के लिए तैयार किया गया होता है. भले ही असली दुनिया में परियां न होती हों, पर उनके सपने अब भी मुझे आते हैं. इसलिए आपके आसपास जो भी है, चाहे वे रिश्ते हों या चीजें, उनकी कद्र कीजिए, क्योंकि जिंदगी में आपने जो कुछ भी पाया है, वह जरूर कुछ खोकर ही पाया होगा.

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