कैसे रुके यौन हिंसा

सरकार, समाज और सामाजिक-राजनीतिक संगठनों की तमाम कोशिशों के बावजूद ​बाल ​यौन हिंसा थम नहीं रही, बल्कि समाज के वैसे समूहों एवं शिक्षण परिसरों से भी इसके जघन्य स्वरूप की खबरें आ रही हैं, जिन्हें ज्यादा शिक्षित, सभ्य, संवेदनशील और जागरूक माना जाता है. मनोविश्लेषक बार-बार हिदायत दे रहे हैं कि जब तक ऐसी घटनाओं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 18, 2017 6:26 AM

सरकार, समाज और सामाजिक-राजनीतिक संगठनों की तमाम कोशिशों के बावजूद ​बाल ​यौन हिंसा थम नहीं रही, बल्कि समाज के वैसे समूहों एवं शिक्षण परिसरों से भी इसके जघन्य स्वरूप की खबरें आ रही हैं, जिन्हें ज्यादा शिक्षित, सभ्य, संवेदनशील और जागरूक माना जाता है.

मनोविश्लेषक बार-बार हिदायत दे रहे हैं कि जब तक ऐसी घटनाओं के लिए उत्प्रेरित करने वाले तत्वों पर प्रतिबंध नहीं लगेगा, इन्हें रोक पाना संभव नहीं है.

शराब, अश्लील ​फैशन और अश्लील साइट्स पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. यह चुनौती तब और बड़ी हो जाती है, जब मोबाइल के जरिये इंटरनेट तक बच्चों की पहुंच आसान हो चुकी है. ऐसे में अभिभावकों को भी आवाज उठानी होगी. ​

वेद मामूरपुर, ई-मेल से.

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