झारखंड की स्थिति

झारखंड में बहुमत की सरकार है. राज्य सरकार अपनी 1000 दिनों की सफल कार्यावधि का बखान करते नहीं थक रही है. विकास का डंका पीटा जा रहा है, परंतु सच्चाई यह है कि यहां के वंचित वर्ग के निर्धन लोग इलाज के अभाव में और भूख से मर रहे हैं. मनरेगा मजदूरों को 15 दिनों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 15, 2017 6:57 AM
झारखंड में बहुमत की सरकार है. राज्य सरकार अपनी 1000 दिनों की सफल कार्यावधि का बखान करते नहीं थक रही है. विकास का डंका पीटा जा रहा है, परंतु सच्चाई यह है कि यहां के वंचित वर्ग के निर्धन लोग इलाज के अभाव में और भूख से मर रहे हैं.
मनरेगा मजदूरों को 15 दिनों के भीतर मजदूरी का भुगतान करने के नियम के बाद भी तीन-चार महीने तक भुगतान नहीं किया जा रहा है और न ही विलंब होने पर कोई बेरोजगारी भत्ता ही दी जा रही है. शिक्षा के क्षेत्र में प्रति वर्ष शिक्षक पात्रता परीक्षा लेने का प्रावधान होते हुए भी राज्य गठन के 17 साल की अवधि में मात्र दो बार इसका आयोजन हो पाया है.
इन दोनों ही परीक्षाओं के आंकड़ों को देखें, तो लगभग एक लाख से अधिक शिक्षित बेरोजगार शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर नियुक्ति की प्रतीक्षा में हैं. कितने अपने आयु सीमा के अंतिम पड़ाव को लेकर चिंतित हैं. झारखंड सरकार इन पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए यथाशीघ्र कदम उठाये, तभी प्रदेश के लोगों का भला हो पायेगा.
अतिया एहसान, करमाटांड, जामताड़ा

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