कभी याद हमें भी कर लो

देश की सत्ता अब ‘सबका साथ सबका विकास’ के विचार पर कदम बढ़ा रही है, तो एक कदम देश के उस वर्ग की भी होनी चाहिए जो देश की नींव रह चुके हैं. बुजुर्गों की जनसंख्या में भी भारत विश्व में दूसरे नंबर पर है. देश की लगभग 80% बुजुर्गों की जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 24, 2017 5:21 AM
देश की सत्ता अब ‘सबका साथ सबका विकास’ के विचार पर कदम बढ़ा रही है, तो एक कदम देश के उस वर्ग की भी होनी चाहिए जो देश की नींव रह चुके हैं. बुजुर्गों की जनसंख्या में भी भारत विश्व में दूसरे नंबर पर है. देश की लगभग 80% बुजुर्गों की जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है. उन तक पर्याप्त सेवाएं नहीं पहुंच पाती हैं. बुजुर्गों का बढ़ता अकेलापन एक बड़ी समस्या है.
इस कारण रोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. शोध से पता चलता है कि अकेलेपन के कारण बुजुर्गों में भी नशे की आदत रहती है. इसके समाधान के रूप में जापान ने ‘केयर होम’ का रास्ता निकाला है. आज निजी क्षेत्र में बुजुर्गों के लिए कम से कम तीन लाख आवास के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं में भी नवाचार की आवश्यकता है. इन सबके बावजूद गरीबी से जूझ रहे बुजुर्ग सरकार की ओर ही आस लगाये बैठे रहते हैं. सरकार को इन पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
हरिश्चंद्र महतो, बेलपोस

Next Article

Exit mobile version