कचड़ा वाहन में अंतिम यात्रा!

अभी हाल ही में हमारे शहर धनबाद में एक अज्ञात शव को शव-वाहन में उठाने के बजाय कचड़ा वाहन में ढोये जाने का मामला सामने आया है. खबर छपने के बाद आला अधिकारी एक दूसरे पर इल्जाम लगाते हुए अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने में लगे हैं. अभी यह मामला पूरी तरह से ठंडा भी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 14, 2017 12:04 AM

अभी हाल ही में हमारे शहर धनबाद में एक अज्ञात शव को शव-वाहन में उठाने के बजाय कचड़ा वाहन में ढोये जाने का मामला सामने आया है. खबर छपने के बाद आला अधिकारी एक दूसरे पर इल्जाम लगाते हुए अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने में लगे हैं.

अभी यह मामला पूरी तरह से ठंडा भी नहीं हुआ था कि राजस्थान के प्रतापगढ़ में एक भिखारी के शव को निगम के कचड़ा वाहन में उठाने का मामला फिर सामने आ गया. यह हमारी लचर व्यवस्था और लापरवाह आला अधिकारियों के रवैये को दर्शाता है. हमारेे नगर-निगम के प्रशासनिक अधिकारी आम लोगों के लिए एक शव-वाहन का इंतजाम भी नहीं कर सकते हैं.

क्या आम इंसान के शव का कोई मोल नहीं? शव चाहे जिसका हो, उसका अंतिम संस्कार मर्यादापूर्वक हो, एेसी व्यवस्था तो की ही जा सकती है. अगर सरकार इस ओर नहीं ध्यान देती है, तो नागरिक संगठनों को आगे आना चाहिए. क्या हमारी इंसानियत खत्म हो गयी है? सिर्फ स्वच्छ भारत का नारा देने और शहर को स्वच्छ बनाने से नहीं होगा. सबसे पहले लाचार व्यवस्था को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना होगा. हमारा शहर खुद-ब-खुद स्वच्छ हो जायेगा.

मो नौशाद आलम, धनबाद

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