अब 280 कैरेक्टर का ट्विटर

आलोक पुराणिक व्यंग्यकार कैरेक्टर में बढ़ोत्तरी हो रही है, कोई यह बात कहे, तो निहायत फर्जी दिखायी देती है. पर ट्विटर ने कहा है, तो सही कहा है- पहले ट्विटर पर 140 कैरेक्टर का संदेश जा सकता था, अब 280 कैरेक्टर का संदेश जा सकता है. आभासी दुनिया में ही सही, कहीं तो कैरेक्टर में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 13, 2017 6:20 AM

आलोक पुराणिक

व्यंग्यकार

कैरेक्टर में बढ़ोत्तरी हो रही है, कोई यह बात कहे, तो निहायत फर्जी दिखायी देती है. पर ट्विटर ने कहा है, तो सही कहा है- पहले ट्विटर पर 140 कैरेक्टर का संदेश जा सकता था, अब 280 कैरेक्टर का संदेश जा सकता है.

आभासी दुनिया में ही सही, कहीं तो कैरेक्टर में बढ़ोत्तरी हो रही है. वैसे कैरेक्टर भी कतई आभासी मामला है, लगता है, कई बार होता नहीं है. बात सिर्फ नेताओं की नहीं हो रही है. पर, ट्विटर पर बढ़े कैरेक्टर का करेंगे क्या?

ज्यादा बात, विवाद, संवाद, लफड़ा, झगड़ा संभव है, जो पहले 140 कैरेक्टर में होता था, अब 280 में कीजिये. ज्यादा बड़े मैसेज दीजिये. पर, ज्यादा बड़े मैसेज का क्या होगा?

ज्यादा लाइक मिल सकते हैं. लाइक ही परम लक्ष्य आभासी दुनिया का. लाइक ही मोक्ष है ट्विटर-फेसबुक का. जिसे लाइक मिल गया, वह तर गया. कई ऐसी आत्माएं हैं, जो मरने के बाद भी ये चेक करने के पृथ्वीलोक पर आती हैं कि उनके मरने की खबरवाली पोस्ट को कितने लाइक मिले हैं.

वैसे कई ऐसे हैं, जिनका मरना सभी लाइक करेंगे. कई कवि इस श्रेणी में आते हैं. एक कवि को मैं जानता हूं, जिसकी कविता को ट्विटर पर दस लाइक ना मिले थे, पर उसकी मौत की खबर को पचास हजार लाइक मिले. ट्विटर की लाइकबाजी से यह संदेश आया कि बहुत ही ज्यादा लाइक चाहिए, तो निकल लो. आपको जीतेजी लाइक ना कर पायेंगे, मर गये तो बहुत ही ज्यादा लाइक किये जायेंगे. बात सिर्फ नेताओं और कवियों की नहीं हो रही है.

कई बंदे ट्विटर-फेसबुक लाइक हासिल करने के चक्कर में इतना वक्त बिता देते हैं कि आसपास के जीते-जागते लोग उन्हें लाइक करना बंद कर देते हैं. लाइक के मामले में भी वैसे समता नहीं है. कोई लाखों लाइक बटोरता है और किसी को मुश्किल से दस भी ना मिलते.

फेसबुक-ट्विटर पर पब्लिक इतना समय बिताने लगी है कि जल्दी ही सरकार को इसके पब्लिक हित के बारे में गंभीरता से सोचना पड़ेगा. लाइक के मामलों में पीछे छूट गये लोगों के लिए लाइक की व्यवस्था करानी पड़ेगी. तब ही समतावादी समाज की स्थापना की दिशा में देश आगे बढ़ पायेगा.

सरकार कुछ ऐसा इंतजाम कर सकती है कि लाइक-विपन्न लोगों की फेसबुक-ट्विटर पोस्ट पर सौ लाइक का जुगाड़ सरकार ही करे. सरकार अभिषेक बच्चन ट्विटर लाइक योजना या तुषार कपूर फेसबुक लाइक योजना के तहत लाइक-विपन्न लोगों की हर पोस्ट पर सौ लाइक का जुगाड़ कराये.

अभिषेक बच्चन, तुषार कपूर के नाम पर ही इन लाइक योजनाओं की शुरुआत ठीक रहेगी, ताकि लाइक-विपन्न लोग और अभिषेक बच्चन, तुषार कपूर उपेक्षित महसूस ना करें. नौजवानों का देश है यह, नौजवान फेसबुक-ट्विटर पर बहुत समय लगाते हैं. आनेवाले दिनों में सचमुच की गरीबी से बड़ी समस्या लाइक की गरीबी होनेवाली है.

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