सिक्कों की बढ़ती अमान्यता

बाजारों एवं दुकानों में एक रुपये और दो रुपये के सिक्के नहीं लिये जा रहे हैं. अजीब दुविधा फैलायी जा रही है. दुकानदारों का कहना है कि ये सिक्के चल नहीं रहे. लोग परेशान हैं. सबसे ज्यादा समस्या फुटकर विक्रेताओं को हो रही है. आइसक्रीम, गोलगप्पा बेचनेवाले लोगों का तो सारा व्यापार ही सिक्कों पर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 10, 2017 5:51 AM

बाजारों एवं दुकानों में एक रुपये और दो रुपये के सिक्के नहीं लिये जा रहे हैं. अजीब दुविधा फैलायी जा रही है. दुकानदारों का कहना है कि ये सिक्के चल नहीं रहे. लोग परेशान हैं. सबसे ज्यादा समस्या फुटकर विक्रेताओं को हो रही है. आइसक्रीम, गोलगप्पा बेचनेवाले लोगों का तो सारा व्यापार ही सिक्कों पर टिका है. कुछ विक्रेता बताते हैं कि उनके पास हजारों के ऐसे सिक्के जमा हैं. बैंक के लोगों का कहना है कि पुलिस स्टेशन में जाकर रिपोर्ट करिए.

कुछ लोग मोबाइल से पैसे लेने की बात कह रहे हैं, लेकिन उन्हें यह कौन समझाये कि छोटा व्यापार चलानेवालों के पास इतना पैसा बचता ही नहीं है कि वे स्मार्ट फोन ले सकें. प्रशासन से अनुरोध है कि वह इस दिशा में कुछ पहल करें और भ्रम की स्थिति को समाप्त करवाये.

तन्मय बनर्जी, जमशेदपुर, इमेल से

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