पूर्व प्रधानमंत्रियों को सम्मान दें

अपने देश की राजनीति राष्ट्रनीति न होकर सत्तानीति हो गयी है. पूर्व प्रधानमंत्रियों को विवाद का केंद्र बनाया जा रहा है. सबसे अधिक निशाने पर पंडित जवाहरलाल नेहरू हैं. उनके विरोध में एक दल का हर छोटा या बड़ा नेता अनर्गल बयानबाजी करता है. यह कोई नहीं सोचता है कि किन विषम परिस्थितियों में उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 31, 2017 12:22 AM
अपने देश की राजनीति राष्ट्रनीति न होकर सत्तानीति हो गयी है. पूर्व प्रधानमंत्रियों को विवाद का केंद्र बनाया जा रहा है. सबसे अधिक निशाने पर पंडित जवाहरलाल नेहरू हैं.
उनके विरोध में एक दल का हर छोटा या बड़ा नेता अनर्गल बयानबाजी करता है. यह कोई नहीं सोचता है कि किन विषम परिस्थितियों में उन्होंने देश की बागडोर संभाली. उन्होंने जो भी फैसले लिए उस पर अब टीवी में डिबेट करने का कोई औचित्य नहीं है. रही प्रधानमंत्री बनने की बात, तो असाधारण क्षमता के कारण ही सर्वसम्मति से नेहरू जी प्रधानमंत्री बने. देशहित में लिये गये उनके फैसले की खामियों को दूर कर बेहतर तरीके से उसे लागू करने का प्रयत्न करें.
राजन राज, रांची

Next Article

Exit mobile version