डीरेल होती आम जिंदगी

मुजफ्फरनगर का रेल हादसा साबित करता है कि रेलवे ने अतीत से कोई सबक नहीं सीखा है. एक तरफ भारतीय रेलवे बुलेट ट्रेन को साकार करने में लगी है, वहीं दूसरी ओर रेल पटरियां आम रफ्तार झेलने में भी नाकाम है. प्रधानमंत्री, रेलमंत्री से लेकर सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने संवेदना व्यक्त करते हुए जांच का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 22, 2017 6:25 AM
मुजफ्फरनगर का रेल हादसा साबित करता है कि रेलवे ने अतीत से कोई सबक नहीं सीखा है. एक तरफ भारतीय रेलवे बुलेट ट्रेन को साकार करने में लगी है, वहीं दूसरी ओर रेल पटरियां आम रफ्तार झेलने में भी नाकाम है. प्रधानमंत्री, रेलमंत्री से लेकर सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने संवेदना व्यक्त करते हुए जांच का आदेश देकर रस्मों-अदायगी कर दी है.
जर्जर रेल ढांचा, लचीली निगरानी, लापरवाही, निम्न स्तर के सुरक्षा पैमाने, प्रशिक्षित तकनीकी स्टॉफ का अभाव आदि से रेलवे को दो-चार होना पड़ता है. सुरक्षित यात्रा के लिए जापान की तर्ज पर ईएमयू सिस्टम अपनाना चाहिए. नयी प्रौद्योगिकी को अमल में तुरंत लाया जाना चाहिए. समय पर निरीक्षण व लाइनों की देखरेख बेहद जरूरी है.
नीरज मानिकटाहला, हरियाणा, इमेल से

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