डिजिटल इंडिया के साथ स्वस्थ्य समाज का भी हो निर्माण

एक ओर हम जहां डिजिटल इंडिया के सपने देख रहे हैं, वहीं हमारे समाज में आज भी अशिक्षा कुंडली मार कर बैठा है. गांव, समाज जागरूकता के अभाव में मलेरिया, टायफायड, हाथी पांव, कालाजार, टीबी तथा पीलिया जैसी गंभीर बीमारियों के चपेट में गहराता जा रहा है. खास तौर पर देखा जाये तो हमारे संताल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 5, 2017 6:30 AM
एक ओर हम जहां डिजिटल इंडिया के सपने देख रहे हैं, वहीं हमारे समाज में आज भी अशिक्षा कुंडली मार कर बैठा है. गांव, समाज जागरूकता के अभाव में मलेरिया, टायफायड, हाथी पांव, कालाजार, टीबी तथा पीलिया जैसी गंभीर बीमारियों के चपेट में गहराता जा रहा है.
खास तौर पर देखा जाये तो हमारे संताल परगना में इन गंभीर बीमारियों से समाज बहुत ज्यादा ही ग्रसित हो चुका है. सरकार जागरूकता के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करती है, किंतु परिणाम कुछ भी नहीं मिलता. राज्य सरकार को पल्स पोलियो अभियान की तरह इन सारी गंभीर बीमारियों का भी विशेष रूप से अभियान चलाकर समाज के लोगों को जागरूक करना चाहिए, तभी हमारे डिजिटल इंडिया के साथ-साथ स्वस्थ्य समाज का निर्माण हो सकेगा.
नवल किशोर सिंह, दुमका

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