योग करें, दिखावा नहीं

योग एक चिकित्सा पद्धति होने के साथ -साथ स्वस्थ जीवन जीने की कला है. नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिए योग आवश्यक है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देश भर में कार्यक्रम आयोजित किये गये. विभिन्न नेताओं ने इसमें हिस्सा लिया और योग किये, भले उनका योग से कभी कोई नाता नहीं रहा हो. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 23, 2017 6:04 AM
योग एक चिकित्सा पद्धति होने के साथ -साथ स्वस्थ जीवन जीने की कला है. नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिए योग आवश्यक है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देश भर में कार्यक्रम आयोजित किये गये. विभिन्न नेताओं ने इसमें हिस्सा लिया और योग किये, भले उनका योग से कभी कोई नाता नहीं रहा हो.
मूल बात यह है कि 21 जून को ही योग करने की प्रवृत्ति एक अलग संस्कृति को जन्म दे रही है. भय इस बात का है कि कहीं योग दिखावा मात्र न रह जाये. विशाल योग कार्यक्रम की जगह हमें लोगों को इसके प्रति जागरूक करने चाहिए क्योंकि विश्व को योग का उपहार भारत भूमि ने दिया है. यहां के प्रत्येक व्यक्ति को योग के विषय में ज्ञान होना चाहिए. दिखावा से बचना चाहिए.
तन्मय बनर्जी, इमेल से

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