अब गाउन और कोर्ट नहीं ये पहनकर अदालत में दलील देंगे वकील, SC ने जारी किया निर्देश

कोरोनावायरस खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने नियम में बड़ा बदलाव किया है. कोर्ट में भारी भरकम ड्रेस से कोरोना संक्रमण का खतरे बढ़ने की आशंका से पहले सर्वोच्च न्यायालय ने ड्रेस कोड को लेकर सर्कुलर जारी कर दिया है. नये सर्कुलर के अनुसार वकीलों को अब कोर्ट और गाउन पहनने की जरूरत नहीं है. हालांकि यह नियम कुछ दिनों के लिए ही है.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 14, 2020 10:42 AM

नयी दिल्ली : कोरोनावायरस खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने नियम में बड़ा बदलाव किया है. कोर्ट में भारी भरकम ड्रेस से कोरोना संक्रमण का खतरे बढ़ने की आशंका से पहले सर्वोच्च न्यायालय ने ड्रेस को लेकर सर्कुलर जारी कर दिया है. नये सर्कुलर के अनुसार वकीलों को अब कोर्ट और गाउन पहनने की जरूरत नहीं है. हालांकि यह नियम कुछ दिनों के लिए ही है.

Also Read: ‘गैर कोरोना क्षेत्र के डॉक्टरों को भी उपलब्ध करायें पीपीई किट’ सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया आदेश

एएनआई न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार वकीलों के लिए सुप्रीम कोर्ट में नया ड्रेस नियम लागू किया गया है. नये आदेश में वीडियो कांफ्रेंसिंग में जजों के सामने पेश होते समय पुरुष वकील सफेद शर्ट और महिला वकील सफेद सलवार-कमीज या सफेद साड़ी पहनेंगे. गले पर सफेद बैंड भी लगाना होगा. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है.

बता दें कि बुधवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबडे सहित अन्य जज भी कोर्ट में सफेद कमीज पहनकर पहुंचे थे, इसी दौरान सीजेआई ने कहा कि गाऊन और कोर्ट कोरोना के खतरे को और बढ़ाता है, इसमें परिवर्तन की जरूरत है.

Also Read: SC : अर्णब की याचिका पर फैसला सुरक्षित, अगले आदेश तक नहीं होगी गिरफ्तारी

कोर्ट पहुंचे जज- लॉकडाउन के बाद पहली बार जज घर के बजाय कोर्ट परिसर में पहुंचकर सुनवाई की. हालांकि सुनवाई पहले की तरह ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही हुई. इससे पहले तक जज घरों से भी सुनवाई करते थे, लेकिन अब कोर्ट रूम पहुंचकर सुनवाई करेंगे.

Also Read: शराब बिक्री के लिए होम डिलिवरी का तरीका निकाले सरकार, प्रतिबंध नहीं लगा सकते: SC

गर्मी के छुट्टियों में कटौती- सुप्रीम कोर्ट जल्द ही गर्मी की छुट्टियों में कटौतका भी ऐलान कर सकता है. जी न्यूज कू अनुसार सुप्रीम कोर्ट के जजों ने चीफ जस्टिस के पास इसको लेकर एक प्रस्ताव भी रखा है. प्रस्ताव के मुताबिक गर्मी में सात हफ्ते की छुट्टी के बजाया दो हफ्ते की छुट्टी देने की बात कही गयी है. बता दें कि इससे पहले वकीलों ने छुट्टियां रद्द करने की मांग रखी थी.

Next Article

Exit mobile version