Sonam Wangchuk Arrest : सोनम वांगचुक को इस हाई-सिक्योरिटी जेल में किया गया शिफ्ट, लेह में इंटरनेट सेवा बंद

Sonam Wangchuk Arrest : लद्दाख में हिंसा के बाद बड़ी कार्रवाई की गई. जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को लेह में गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद उन्हें राजस्थान की जोधपुर जेल भेज दिया गया. वांगचुक ने कहा कि यह बताना कि उन्होंने हिंसा भड़काई, समस्या की असल जड़ तक पहुंचने की बजाय केवल किसी को दोषी ठहराने जैसा है.

By Amitabh Kumar | September 27, 2025 6:41 AM

Sonam Wangchuk Arrest : लद्दाख में राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची लागू करने की मांग को लेकर दो दिन पहले हिंसक प्रदर्शन हुआ था, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 90 लोग घायल हुए. इसके बाद शुक्रवार को जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों ने बताया कि लद्दाख पुलिस प्रमुख एस. डी. सिंह जामवाल के नेतृत्व में पुलिस दल ने उन्हें दोपहर करीब ढाई बजे हिरासत में लिया. गिरफ्तारी के बाद वांगचुक को लद्दाख से राजस्थान के जोधपुर की जेल में भेज दिया गया है. यह कदम प्रदर्शन और बढ़ते तनाव के बीच उठाया गया.

वांगचुक पर लगे आरोपों को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन लद्दाख प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया है. सुरक्षा कारणों से लेह में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. सोनम वांगचुक लंबे समय से ‘लेह एपेक्स बॉडी’ और ‘कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस’ जैसे संगठनों की आवाज उठाते रहे हैं. वे लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और लेह व कारगिल के लोगों के लिए संवैधानिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं. पिछले पांच सालों से वे इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं.

केंद्र ने हिंसा के लिए वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया

लेह और कारगिल, 2019 में पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य को विभाजित कर बनाये गए लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश का हिस्सा हैं. केंद्र ने हालिया हिंसा के लिए वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है, हालांकि जलवायु कार्यकर्ता ने सभी आरोपों से इनकार किया है. वांगचुक ने गुरुवार को कहा था, ‘‘यह कहना कि यह (हिंसा) मेरे द्वारा भड़कायी गयी थी, समस्या की जड़ तक पहुंचने के बजाय, कोई बलि का बकरा ढूंढने जैसा है, और इससे हमें कोई फायदा नहीं होगा.’’

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गृह मंत्रालय ने उठाया सख्त कदम

जलवायु कार्यकर्ता की गिरफ्तारी उनके द्वारा स्थापित संगठन ‘स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख’ का विदेशी चंदा नियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस गृह मंत्रालय द्वारा रद्द करने के एक दिन बाद हुई. मंत्रालय ने कथित वित्तीय विसंगतियों और ‘‘राष्ट्रीय हित’’ के खिलाफ माने जाने वाले धन अंतरण का हवाला देते हुए वांगचुक के संगठन का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया था.