झूठा निकला चीन! ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर राफेल को बदनाम करने के लिए दुनियाभर में फैलाया भम्र
Operation Sindoor: भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद चीन ने राफेल जेट्स को बदनाम करने की साजिश रची है. फ्रांसीसी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने दुनियाभर में अपने दूतावासों के जरिए झूठ फैलाया. सोशल मीडिया पर फर्जी तस्वीरें और वीडियो गेम की क्लिप से राफेल की छवि कमजोर करने की कोशिश हुई.
Operation Sindoor: भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की वैश्विक सफलता और राफेल लड़ाकू विमानों के दमदार प्रदर्शन के बाद चीन ने एक बेहद चौंकाने वाली साजिश रची है. फ्रांसीसी खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने दुनियाभर में स्थित अपने दूतावासों के ज़रिए भारत में इस्तेमाल हो रहे राफेल जेट्स की प्रतिष्ठा को कमजोर करने का प्रयास किया. इस साजिश का उद्देश्य था फ्रांस के राफेल जेट्स की बिक्री पर असर डालकर अपने घरेलू हथियारों की मार्केटिंग करना.
झूठे दावों और फर्जी तस्वीरों से गुमराह करने की कोशिश
फ्रांसीसी रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर यह दुष्प्रचार फैलाया कि भारत-पाक संघर्ष में राफेल विमानों को भारी नुकसान हुआ है. पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारत के पांच विमानों को मार गिराया, जिनमें तीन राफेल शामिल थे. इसके समर्थन में सोशल मीडिया पर फर्जी AI इमेज, वीडियो गेम फुटेज और नकली मलबे की तस्वीरें वायरल की गईं.
चीन का मकसद हथियार बाज़ार पर कब्जा करने का
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने खासतौर पर इंडोनेशिया जैसे उन देशों को निशाना बनाया जिन्होंने राफेल का ऑर्डर दे रखा है. चीन चाहता था कि ये देश फ्रांस पर भरोसा खो दें और चीनी विमानों की ओर रुख करें. इसके लिए चीन के दूतावासों में तैनात रक्षा अधिकारी अन्य देशों के सैन्य प्रतिनिधियों के साथ बैठकें कर राफेल की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते रहे.
फ्रांस और बीजिंग की प्रतिक्रिया
जहां फ्रांसीसी रक्षा मंत्रालय ने राफेल पर हमले को “रणनीतिक और जानबूझकर किया गया हमला” बताया, वहीं बीजिंग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। चीन के रक्षा मंत्रालय ने इसे “निराधार अफवाह” और “प्रोपेगेंडा” करार दिया, जबकि फ्रांस ने कहा कि राफेल सिर्फ एक विमान नहीं, बल्कि फ्रांस की तकनीकी आत्मनिर्भरता और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी का प्रतीक है.
