ओमिक्रॉन को लेकर विशेष वैक्सीन रणनीति की जरूरत, ICMR के वैज्ञानिकों ने बताया क्यों

दुनियाभर में कोविड-19 के डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है. भारत में भी लगातार ओमिक्रॉन के नए मामले सामने आ रहे हैं. इन सबके बीच, ओमिक्रॉन को लेकर विशष वैक्सीन रणनीति की जरूरत पर चर्चा तेज हो गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 26, 2022 4:39 PM

Covid 19 Omicron Variant दुनियाभर में कोविड-19 के डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है. भारत में भी लगातार ओमिक्रॉन के नए मामले सामने आ रहे हैं. इन सबके बीच, ओमिक्रॉन को लेकर विशष वैक्सीन रणनीति की जरूरत पर चर्चा तेज हो गई है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन द्वारा उत्पन्न एंटीबॉडी सबसे प्रचलित डेल्टा संस्करण सहित अन्य को बेअसर कर सकते हैं.

ओमिक्रॉन विशिष्ट वैक्सीन रणनीति की आवश्यकता

अध्ययन में कहा गया है, इसी कारण ओमिक्रॉन विशिष्ट वैक्सीन रणनीति की आवश्यकता है. आईसीएमआर के एक अध्ययन में पता चला है कि कोविड-19 के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित व्यक्तियों में महत्वपूर्ण प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होती है, जो न केवल ओमिक्रॉन को बल्कि सबसे प्रचलित डेल्टा संस्करण सहित अन्य VOCs को भी बेअसर कर सकती है. इससे पता चलता है कि ओमिक्रॉन द्वारा प्रेरित प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया डेल्टा संस्करण को प्रभावी ढंग से बेअसर कर सकती है, जिससे डेल्टा के साथ पुन: संक्रमण की संभावना कम हो जाती है. इससे डेल्टा प्रमुख तनाव के रूप में विस्थापित हो जाता है. यह ओमाइक्रोन विशिष्ट वैक्सीन रणनीति की आवश्यकता पर जोर देता है.

विदेशों के वयस्कों और भारत के किशोरों का किया गया अध्ययन

आईसीएमआर ने विदेशों के वयस्कों और भारत के किशोरों का अध्ययन किया. हालांकि, शोध की अभी तक साथियों द्वारा समीक्षा नहीं की गई है. शोधकर्ताओं ने उन लोगों में एंटीबॉडी की प्रतिक्रिया का अध्ययन किया, जिन्होंने कोविड वैक्सीन की दोनों खुराक ली है और परिणामों की तुलना उन लोगों के साथ की है, जिन्हें टीका नहीं लगाया गया था. सभी व्यक्ति ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित थे.

दक्षिण अफ्रीका के बाद अब दुनिया भर में फैल गया ओमिक्रॉन

मालूम हो कि पिछले साल नवंबर में दक्षिण अफ्रीका के नमूनों में कोविड-19 के नए स्ट्रेन का पता चला था. ओमिक्रॉन में 30 से अधिक उत्परिवर्तनों को पाकर वैज्ञानिक हैरान थे, जो किसी भी अन्य नस्ल से अधिक है. उन्होंने दावा किया कि इसने ओमिक्रॉन को मौजूदा टीकों के लिए प्रतिरोधी बना दिया है. दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने के बाद से ओमिक्रॉन अब दुनिया भर में फैल गया है, जिससे कोविड-19 संक्रमणों में पुनरुत्थान हुआ है. संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में स्थिति विशेष रूप से खराब हो गई, जहां लाखों लोगों ने कुछ ही हफ्तों में इस बीमारी का अनुबंध किया.

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