ह्यूमैन ट्रैफिकिंग रोकने के लिए कड़े कानून बनाएगी मोदी सरकार, मानूसन सत्र में पेश किए जाएंगे 23 बिल

मानव तस्करी (रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक-2021 के जरिए सरकार मानव तस्करी की रोकथाम और उसका मुकाबला करने के लिए कानून बनाएगी. सरकार के इस विधेयक में मानव तस्करी के पीड़ितों की देखभाल, सुरक्षा, सहायता और पुनर्वास के साथ ही कानूनी सहायता प्रदान करने और उनके लिए सामाजिक-आर्थिक वातावरण बनाने का भी प्रावधान है.

By Prabhat Khabar Print Desk | July 13, 2021 4:19 PM

नई दिल्ली : मानव तस्करी या फिर ह्यूमैन ट्रैफिकिंग को रोकने के लिए केंद्र की मोदी सरकार कड़े कानून बना सकती है. आगामी 19 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र के दौरान मानव तस्करी पर लगाम लगाने के लिए मानव तस्करी (रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक-2021 को पेश करती है. संसद में पेश होने वाले इस विधेयक के जरिए सरकार व्यक्तियों खासकर महिलाओं और बच्चों की तस्करी रोकने के लिए कानून बनाएगी.

सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, मानव तस्करी (रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक-2021 के जरिए सरकार मानव तस्करी की रोकथाम और उसका मुकाबला करने के लिए कानून बनाएगी. सरकार के इस विधेयक में मानव तस्करी के पीड़ितों की देखभाल, सुरक्षा, सहायता और पुनर्वास के साथ ही कानूनी सहायता प्रदान करने और उनके लिए सामाजिक-आर्थिक वातावरण बनाने का भी प्रावधान है.

मीडिया की खबरों के अनुसार, केंद्र ने मानसून सत्र के दौरान संसद में लोकसभा में पेश करने के लिए 23 विधेयकों को सूचीबद्ध कराया है, जिसमें मानव तस्करी (रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक-2021 भी शामिल है. बताया जा रहा है कि सरकार के विधायी और वित्त विधेयकों में करीब 6 विधेयक पहले ही पेश किए जा चुके हैं, जबकि इस बार के सत्र में 17 नए विधेयकों को शामिल किया गया है.

लोकसभा में पेश किए जाने वाले विधेयक

सरकार की ओर से मानसूत्र के दौरान लोकसभा में जिन विधेयकों को पेश किया जाना है, उनमें दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक-2021, कोयला असर वाले क्षेत्र (अधिग्रहण और विकास) संशोधन विधेयक-2021, बिजली (संशोधन) विधेयक-2021, मानव तस्करी (रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक-2021, सीमित देयता भागीदारी (संशोधन) विधेयक-2021, पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक-2021 और पेट्रोलियम एवं खनिज पाइपलाइन (संशोधन) विधेयक-2021 प्रमुख हैं.

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Posted by : Vishwat Sen

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